Friday, April 26, 2024
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एक मिनट में दागेगा 750 गोलियाँ, ऊँचाई वाले स्थानों पर दुश्मन की खैर नहीं: जानें 5800 किलो के स्वदेशी ‘प्रचंड’ के बारे में, जो बढ़ाएगा हमारी वायुसेना की ताकत

'प्रचंड' हेलीकॉप्टर 16,400 फीट तक की उड़ान भरने में सक्षम है। इसके वजन की बात करें तो यह करीब 5800 किलो यानी 5.8 टन है और 268 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ते हुए दुश्मन के हौसले पस्त कर सकता है।

सोमवार (3 अक्टूबर 2022) को भारतीय वायुसेना मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) को शामिल किया गया है। इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों से भारतीय वायुसेना की ताकत पहले से और अधिक बढ़ गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस में आयोजित एक कार्यक्रम में इन हेलिकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। इस हेलीकॉप्टर को ‘प्रचंड’ नाम दिया गया है।

भारत में बने लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर यानी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ दुश्मनों के लड़ाकू विमानों को ध्वस्त करने, आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने, कॉम्बैट सर्च और बचाव कार्यों में सक्षम हैं। सरकारी रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और तैयार किए गए इस हेलीकॉप्टर को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से तैयार किया गया है।

‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर 16,400 फीट तक की उड़ान भरने में सक्षम है। इसके वजन की बात करें तो यह करीब 5800 किलो यानी 5.8 टन है और 268 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ते हुए दुश्मन के हौसले पस्त कर सकता है।

यूँ तो भारतीय सेना के पास सबसे ताकतवर हेलीकॉप्टर अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टर है, लेकिन ‘प्रचंड’ को जिस तरह से तैयार किया गया है उससे वह संकट की स्थिति में एक अलग भूमिका में नजर आएगा। ‘प्रचंड’ को पहाड़ी क्षेत्रों या ऊँचाई वाले स्थानों में युद्ध के दौरान उपयोग किए जाने के लिए ही विकसित किया गया है।

यही नहीं, इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रचंड हेलीकॉप्टर कितनी भी अधिक गर्मी में रेगिस्तान के ऊपर या बर्फीले पहाड़ों और खराब मौसम में भी दुश्मनों पर हमला करने का माद्दा रखता है। इसकी कैनन से हर मिनट में 750 गोलियाँ दागी जा सकती हैं। यह एंटी टैंक मिसाइल और 70 मिमी रॉकेट सिस्टम, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।

इसके अलावा, इस हेलीकॉप्टर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे भारत में ही बनाया गया है इसलिए यदि कभी भी इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव करना होगा तो इसके लिए किसी दूसरे से मंजूरी लेनी की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही, इसके पार्ट्स और मेंटनेस के लिए भी किसी और पर निर्भर नहीं रहना होगा।

वायुसेना के 143 हेलीकॉप्टर यूनिट, जिसे धनुष स्क्वाड्रन भी कहा जाता है, के फ्लाइट कमांडर विंग कमांडर सौरभ शर्मा ने प्रचंड हेलीकॉप्टर उड़ाने के बाद कहा, “मैं एक प्रसिद्ध मुक्केबाज, मोहम्मद अली के कोट के साथ केवल इतना कह सकता हूँ कि यह मशीन (हेलीकॉप्टर) तितली की तरह उड़ती है और मधुमक्खी की तरह डंक मारती है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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