Friday, June 13, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाकेंद्र सरकार ने 14 मैसेंजर ऐप्स पर लगाया बैन, इन्हीं का इस्तेमाल कर के...

केंद्र सरकार ने 14 मैसेंजर ऐप्स पर लगाया बैन, इन्हीं का इस्तेमाल कर के घाटी में आतंक फैला रहे थे पाकिस्तान में बैठे सरगना: देखें लिस्ट

क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रियर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी, थ्रेमा नामक ऐप्स पर बैन लगाया गया है।

भारत सरकार ने 14 मैसेंजर ऐप्स को बैन कर दिया है। इन ऐप्स के जरिए पाकिस्तान में बैठे आतंकी भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ऐसे में केन्द्र सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाँच एजेंसियों ने सरकार को जानकारी दी थी कि पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर में बैठे अपने समर्थकों व अन्य आतंकियों से बातचीत करने के लिए इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ऐप्स के जरिए घाटी में आतंकी गतिविधियाँ बढ़ रहीं थीं। कहा जा रहा है कि भारतीय सेना, खुफिया एवं जाँच एजेंसियाँ इस मामले में जाँच कर रहीं थीं। इन सभी के इनपुट के बाद सरकार ने यह कार्रवाई की है।

केंद्र सरकार द्वारा जिन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार, क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रियर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी, थ्रेमा पर बैन लगाया गया है। सरकार की इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी एक बार फिर सिर उठाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन समय रहते ही सरकार ने उन पर लगाम लगा दिया।

‘टाइम्स नाउ’ ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि सरकार ने जिन ऐप्स पर बैन लगाया है उनमें से अधिकांश ऐप्स को ऐसे डिजाइन किया गया था कि उसमें यूजर अपनी पहचान छिपाकर चैट कर सकता है। साथ ही इसके इंटरफेस के चलते यूजर्स की पहचान कर पाना भी मुश्किल था। यही नहीं, न तो ऐप्स को भारत से संचालित नहीं किया जा रहा था और न ही इन्हें बनाने वाले लोग भारत में हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार इससे पहले भी देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे 250 से अधिक चीनी ऐप्स को बैन कर चुकी है। इन ऐप्स में टिकटॉक, पबजी, फ्री फायर, शेयरइट, वीचैट, हैलो, लाइकी, यूसी ब्रॉउसर, यूसी न्यूज, बिगो लाइव जैसे कई अन्य ऐप शामिल हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अहमदाबाद क्रैश में भी इस्लामी कट्टरपंथी ढूंढ लाए गाजा का विक्टिम कार्ड, पीड़ितों के प्रति संवेदना जताने के बजाय चलाया एजेंडा: जिन स्वयंसेवकों को...

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर गाजा के लिए 'विक्टिम कार्ड' खेलने का कंपटीशन शुरू हो गया है। विमान दुर्घटना पर संवेदना 'लिबरल' समुदाय को चुभ रही है।

डियर अमाना बेगम, हिंदू ‘भाई-बहनों’ की आपस में नहीं कराते शादी… ‘जाति पर जहर’ कम फैलाओ: सोनम-राज कुशवाह मामले में ‘द प्रिंट’ की लेखिका...

द प्रिंट के अनुसार सोनम और राजा रघुवंशी का मामला जाति-फेमिनिज्म का मुद्धा है और भारत में आज भी अलग जाति में प्यार करना एक विद्रोह है।
- विज्ञापन -