रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार (17 जुलाई, 2020) को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में LAC पर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने व जमीनी स्थिति की समीक्षा करने पहुँचे। रक्षा मंत्री ने पहले लुकांग में बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। यहाँ उन्होंने जवानों को मिठाईयाँ भी खिलाई। अपनी दो दिवसीय यात्रा पर राजनाथ सिंह ने लेह के स्ताकना में भारतीय सेना के एक खास कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया।
आज सुबह लद्दाख़ पहुँच कर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जाँबाज़ जवानों एवं अधिकारियों के दर्शन करते हुए उनसे बातचीत करने का अवसर मिला। pic.twitter.com/LTXKwbfSzX
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 17, 2020
राजनाथ सिंह ने यहाँ जवानों को संबोधित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान सबसे ऊपर है और इसलिए इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान ने ही देश को आजादी दिलाई है।
लेह के लुकुंग चौकी पर पहुँचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। कहाँ तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता, लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूँ कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता।”
जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। कहाँ तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता। लेकिन इतना यक़ीन मैं ज़रूर दिलाना चाहता हूँ कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता। pic.twitter.com/RjLP3p1cpa
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राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, “सबसे बड़ा स्वाभिमान होता है राष्ट्रीय स्वाभिमान। हमारे राष्ट्र की सीमाओं पर अगर कोई आँख उठाकर देखने की कोशिश करता है तो हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान जाग उठता है। भारत स्वाभिमान से समझौता नहीं करेगा। यदि कोई चोट पहुँचाने की कोशिश करेगा तो उसे मुँहतोड़ जवाब देंगे। आप सभी पर पूरे देश को नाज है। आप सभी लोगों पर पूरे देश को भरोसा है। आपलोगों के बीच मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूँ।”
हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं।हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है।भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुँचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे।
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राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “हमारे जवानों ने शहादत दी है। इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है। यदि हम आज लद्दाख़ में खड़े हैं तो आज के दिन मैं कारगिल युद्द में भारत की सीमाओं की अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने समस्त विश्व में शांति का संदेश दिया है। हमने आज तक किसी भी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही किसी की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है। भारत ने हमेशा वसुैधव कुटुम्बकम का संदेश दिया है। भारत हमेशा से शांति चाहता है।
भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है। हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की ज़मीन पर हमने क़ब्ज़ा किया है। भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 17, 2020
वहीं राजनाथ सिंह ट्वीट के जरिए भी लोगों तक अपने दौरे की जानकारी दे रहे हैं। जहाँ उन्होंने लिखा, “आज सुबह लद्दाख़ पहुँच कर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जाँबाज जवानों एवं अधिकारियों के दर्शन करते हुए उनसे बातचीत करने का अवसर मिला।” उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व सशक्त है। हमें नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। फ़ैसला लेने वाला प्रधानमंत्री मिला है।
भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है। मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। हमारे जवानों ने शहादत दी है। इसका ग़म १३० करोड़ भारतवासियों को भी है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 17, 2020
भारत का नेतृत्व सशक्त है। हमें श्री नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। फ़ैसला लेने वाला प्रधानमंत्री मिला है।
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को एक दिवसीय मौके पर लेह-लद्दाख पहुँचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था। मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बिना चीन का नाम लिए चीन को चेतावनी भी थी। साथ ही जवानों का हौसला भी बढ़ाया था।