Tuesday, November 5, 2024
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रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष का मंदिर लैंड जिहाद का शिकार: बॉर्डर UP-नेपाल का… लेकिन जमीन कब्जा के लिए फिलिस्तीनी मॉडल – OpIndia Ground Report

बलरामपुर जिले में आस्था के प्रमुख केंद्र हनुमान गढ़ी मंदिर की जमीन पर कट्टरपंथी इस्लामियों ने कब्जा कर लिया। कोर्ट ने कब्जा छुड़ाने का आदेश दिया। पुलिस-प्रशासन कब्जा आज तक नहीं छुड़ा पाई... क्योंकि वहाँ कब्ज़ा बनाए रखने के लिए फिलिस्तीनी मॉडल अपना लिया गया है।

हाल में कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि नेपाल भारत बॉर्डर पर तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है। मस्जिद-मदरसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए 20 से 27 अगस्त 2022 तक ऑपइंडिया की टीम ने सीमा से सटे इलाकों का दौरा किया। हमने जो कुछ देखा, वह सिलसिलेवार तरीके से आपको बता रहे हैं। इस कड़ी की 20वीं रिपोर्ट:

नेपाल और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या और इबादतगाहों की संख्या में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर हमने बलरामपुर जिले में आस्था के प्रमुख केंद्र हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत महेंद्र दास से बात की। यह मंदिर हनुमान गढ़ी नाम से है, जिसके वर्तमान महंत महेंद्र दास हैं। उन्होंने हमें अपना जवाब अपने आधिकारिक लेटर हेड पर लिख कर दे दिया। उन्होंने खुद के मंदिर के एक हिस्से को बदरुद्दीन नाम के एक अवैध कब्जेदार के कब्ज़े में बताया।

यह रिपोर्ट एक सीरीज के तौर पर है। इस पूरी सीरीज को एक साथ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

रामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष का मंदिर भी लैंड जिहाद का शिकार

ऑपइंडिया से बात करते हुए हनुमान गढ़ी मंदिर, वीर विनय चौराहा बलरामपुर के प्रबंधक नरेश कुमार ने बताया कि यह मंदिर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महंत नृत्यगोपाल दास का मंदिर है। नरेश के मुताबिक वर्तमान में यहाँ के महंत महेंद्र दास है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के बड़ी हिस्से पर कुछ मुस्लिमों ने कब्ज़ा कर रखा है, जिसको वो लोग थोड़ा-थोड़ा करके कई वर्षों से छुड़वा रहे हैं।

मंदिर से सटी वो जमीन, जिस पर है बदरुद्दीन द्वारा कब्ज़े का आरोप

अदालतों का आदेश… फिर भी पुलिस-प्रशासन बेबस

महंत महेंद्र दास द्वारा ऑपइंडिया को दिए लिखित जवाब में कहा गया है कि नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर में अवैध कब्जेदार कोर्ट का भी आदेश नहीं मानते। इस नाफरमानी के पीछे महेंद्र दास ने प्रशासन के कुछ अधिकारियों को भी जिम्मेदार बताया।

उन्होंने लिखा कि हिन्दू मंदिर के महंत होने के नाते इस बात का वो स्वयं गवाह और भुक्तभोगी हैं कि इसी मंदिर की जमीन पर कुछ मुस्लिमों द्वारा अवैध कब्ज़ा हुआ है, जिसे कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रशासन नहीं हटा पा रहा।

महंत नृत्य गोपाल दास द्वारा कब्जेदारी के विरोध में दायर केस

जमीनों पर कब्ज़े के लिए फिलिस्तीनी मॉडल

महंत महेंद्र दास के मुताबिक उनके मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा कायम रखने के लिए फिलिस्तीनी मॉडल अपनाया गया है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से फिलिस्तीन में औरतों और बच्चों को आगे कर दिया जाता है, वैसे ही मंदिर की जमीन पर कब्जा बनाए रखने के लिए फिलिस्तीनी सिस्टम अपनाया गया।

हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत महेंद्र दास ने लिखित तौर पर बताया कि जब कई वर्षों की कागजी और कानूनी लड़ाई के बावजूद मुस्लिम पक्ष मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा नहीं कर पाए, कोर्ट में हार गए तो उसी जगह पर औरतें और बच्चों को बिठा दिया। इसके पीछे इनका मकसद वही है – बच्चों से हत्या करवा कर नाबालिग कार्ड खेला जाए या औरतों से चारित्रिक लाँछन लगवा दिए जाएँ। नतीजतन मंदिर की जमीन पर मंदिर का पूर्ण कब्जा अभी तक नहीं हो पाया है।

महंत महेंद्र दास द्वारा ऑपइंडिया को भेजा गया पत्र

कब्जेदारी के फिलस्तीनी मॉडल में पत्रकार और प्रशासनिक लोग शामिल

महंत महेंद्र दास ने हमें बताया कि बलरामपुर में जमीनों पर कब्ज़े के फिलिस्तीनी मॉडल में औरतों और बच्चों के पीछे कुछ पत्रकार और प्रशासनिक लोग भी खड़े हैं। हमें दिए पत्र में उन्होंने लिखा है कि नेपाल बॉर्डर पर श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में अवैध कब्ज़े में जितनी भी इबादतगाहें मौजूद हैं, वो उन्हें मुक्त करवाने का अभियान चलाएँगे। उन्होंने यहाँ तक कहा कि इस कार्य के लिए भले ही कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।

बलरामपुर पुलिस ने दिया था कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई का भरोसा

महंत महेंद्र दास ने हमें बताया कि ऑपइंडिया की ही पिछली प्रकाशित एक खबर में बलरामपुर पुलिस ने आधिकारिक ट्वीट करके कहा था कि अवैध कब्ज़ों पर कोर्ट के आदेशों का पालन करवाया जाएगा। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि ऐसे में नेपाल सीमा से कुछ ही दूरी पर मौजूद मंदिर पर दशकों से अवैध कब्ज़े को हटाने के मामले में वो इतनी टाल मटोल क्यों कर रही है?

कब्जेदारों को किसने की कार्रवाई की मुखबिरी?

बलरामपुर में हनुमानगढ़ी मंदिर का प्रबंधन देखने वाले नरेश कुमार ने ऑपइंडिया को बताया कि कोर्ट में केस जीतने के बाद खुद महंत नृत्य गोपाल दास ने बलरामपुर प्रशासन से मंदिर की जमीन पर अवैध कब्ज़े को हटवाने की माँग की। नरेश कुमार सहरावत के अनुसार इस माँग पर उच्चाधिकारीयों ने अधीनस्थों को निर्देश भी दिया।

इसके बाद नरेश ने हैरानी जताते हुए कहा कि जिस पत्र पर प्रशासनिक अधिकारी 17 सितम्बर 2022 को कब्ज़ा हटाने पर कार्रवाई को लेकर दस्तखत करते हैं, उसी के 2 दिन बाद उस कब्ज़े वाली जगह पर कई औरतों और बच्चों को शाहीन बाग़ जैसे अंदाज़ में बिठा दिया जाता है।

अवैध कब्ज़े पर कार्रवाई का पत्र

नरेश कुमार ने शक जताया कि प्रशासन के ही अंदर के किसी व्यक्ति ने कार्रवाई की ये सभी सूचना बदरुद्दीन पक्ष को लीक की होगी।

‘पिछली सरकारों में हुए कब्ज़े, हम करवाएँगे कार्रवाई’

ऑपइंडिया ने बलरामपुर शहर और नेपाल सीमा पर अवैध कब्ज़ों की शिकायत के मामले में बलरामपुर शहर के भाजपा विधायक पलटूराम से बात की। उन्होंने बताया कि जो भी अवैध कब्ज़े दिखाई दे रहे हैं, वो पिछली सरकारों की तुष्टिकरण की नीतियों के चलते हुए हैं। उनके अनुसार वर्तमान सरकार संजीदगी से कार्रवाई करवा रही है।

उन्होंने हमें बताया कि वो नेपाल सीमा के हालातों की जानकारी को शासन और प्रशासन तक अपने स्तर से पहुँचाऐगे और जल्द से जल्द इसके समाधान की दिशा में आगे बढ़ेंगे। विधायक पलटू राम ने मीडिया में नेपाल सीमा से आ रही रिपोर्टों को चिंताजनक बताया।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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