सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (अप्रैल 23, 2019) को पूर्व सांसद और ‘गुंडा’ (मेनस्ट्रीम मीडिया ऐसे लोगों के लिए बाहुबली शब्द का इस्तेमाल करती है, जो निंदनीय है) अतीक अहमद व उसके साथियों द्वारा रियल एस्टेट डीलर मोहित जायसवाल के कथित अपहरण और अत्याचार के मामले में सीबीआई जाँच का आदेश दिया है। यह आदेश चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के नैनी जेल में बंद अतीक को गुजरात के जेल में ट्रांसफर करने का भी आदेश है। अतीक अहमद को कुछ दिन पहले ही नैनी जेल लाया गया था।
Supreme Court today directed the CBI to investigate the alleged kidnapping and torturing of a businessman by former MP and gangster, Atiq Ahmed and his aides. An SC bench, headed by CJI, also transferred Ahmed, who is currently lodged in a UP jail, to a Gujarat jail. (file pic) pic.twitter.com/nhcoo58LTD
— ANI (@ANI) April 23, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद के खिलाफ सभी लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने के साथ ही इस मामले में सभी गवाहों को संरक्षण देने के लिए भी कहा है। सर्वोच्च अदालत ने अतीक अहमद के खिलाफ लंबित 106 मामलों में उत्तर प्रदेश प्रशासन से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट माँगी है। कोर्ट ने लापरवाही बरतने वाले जेल अधिकारियों को निलंबित किया और उसके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए भी कहा है।
गौरतलब है कि अतीक अहमद पर आरोप है कि दिसंबर 2018 में देवरिया जेल में बंद रहने के दौरान अतीक ने अपने साथियों के द्वारा लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र के निवासी मोहित जायसवाल को अपहरण करवा लिया और फिर जेल में ले जाकर उसके साथ मारपीट की गई। मोहित का आरोप है कि इस दौरान उनसे संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करा लिए गए। राज्य सरकार ने भी इस घटना की पुष्टि की थी और कहा था कि उस दिन जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। 5 बार विधायक और एक बार सांसद रहे अतीक अहमद 11 फरवरी, 2017 से जेल में बंद हैं। अतीक के खिलाफ 1979 से 2019 तक कुल 109 केस लंबित है।