कार्ति चिदंबरम को ‘एयरसेल-मेक्सिस डील’ और ‘आईएनएक्स मीडिया’ केस में जाँच एजेंसियों के साथ सहयोग न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों के बेंच ने कार्ति से कहा, “यदि आप कानून के साथ खेलते हैं, तो केवल भगवान ही आपकी मदद कर पाएँगे। हम आपके पीछे पड़ जाएँगे। आप जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे। हमारे पास कहने को बहुत कुछ है, लेकिन अभी वो समय नहीं है। आगे से यदि आपने जाँच में जरा-सा भी असहयोग दिखाया, तो हम आप पर बहुत भारी पड़ेंगे।”
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम की विदेश जाने की इजाज़त संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “10 से 26 फरवरी के बीच आप जहाँ जाना चाहते हैं, जा सकते हैं। लेकिन आपको जाँच एजेंसियों के साथ सहयोग करना ही होगा।”
कार्ति चिदम्बरम को विदेश जाने की अनुमति देने के एवज़ में कोर्ट ने ₹10 करोड़ सिक्यॉरिटी के तौर पर जमा कराने को कहा है। साथ ही कार्ति को देश लौटने और जाँच में सहयोग देने संबंधी अंडरटेकिंग भी भरने का आदेश कोर्ट ने दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को ‘एयरसेल-मेक्सिस डील’ और ‘आईएनएक्स मीडिया’ केस में 5, 6, 7 और 12 मार्च को ED (प्रवर्तन निदेशालय) के सामने पेश होने का आदेश दिया।
कार्ति चिदम्बरम ने अगले कुछ महीनों के लिए फ़्रांस, स्पेन, जर्मनी और यूके जाने की अनुमति माँगी थी। इन देशों में होने वाली इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन टोटस टेनिस लिमिटेड (Totus Tennis Ltd) के द्वारा किया जा रहा है। टोटस टेनिस लिमिटेड की मालिकाना कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइज़री सर्विसेज़ है। कार्ति इसी चेस ग्लोबल एडवाइज़री सर्विसेज़ के मालिक हैं।
‘एयरसेल-मेक्सिस डील’ और ‘आईएनएक्स मीडिया’ मामले में आरोपित कार्ति को हर बार विदेश जाने से पहले सुप्रीम कोर्ट सेआज्ञा लेनी पड़ती है।