Thursday, November 30, 2023
Homeरिपोर्टदलाली की रक़म से ख़रीदा था वाड्रा ने लंदन में घर: ED

दलाली की रक़म से ख़रीदा था वाड्रा ने लंदन में घर: ED

ईडी का दावा है कि 2010 में भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा ने इस सम्पत्ति की मरम्मत करवाने के लिए रॉबर्ट वाड्रा को ईमेल भेजकर इजाज़त माँगी थी। ईमेल में चड्ढा ने मरम्मत के पैसे की व्यवस्था करने की बात भी कही थी।

सोनिया गाँधी के दमाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। जाँच में ईडी ने यह दावा किया है, कि कोरियाई कंपनी सैमसंग इंजीनियरिंग की तरफ से दी गई दलाली की रकम से लंदन में, उन्होंने अपना मकान ख़रीदा था। वाड्रा से पूछताछ करने वाले एक अधिकारी ने इसका दावा किया है। दलाली गुजरात के दाहेज में बनने वाले ओएनजीसी के एसईजेड से जुड़े निर्माण का ठेका मिलने के एवज में दिया गया था।

दैनिक जागरण में छपी रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर, 2008 में यह ठेका मिला था। ठेके 6 महीने बाद 13 जून, 2009 को सैमसंग ने संजय भंडारी की कंपनी सैनटेक को 49.9 लाख डॉलर दिया था। इसके बाद संजय भंडारी ने इसमें से 19 लाख पाउंड उस समय के विनियम दर के हिसाब से लगभग ₹15 करोड़ वोर्टेक्स नाम की कंपनी में ट्रांसफर किया था। ईडी ने दावा किया है कि इसी पैसे का इस्तेमाल 12, ब्रायंस्टन स्क्वायर की संपत्ति ख़रीदने के लिए किया गया था।

भंडारी के रिश्तेदार ने ईमेल भेजकर माँगी थी इजाज़त

ईडी का दावा है कि 2010 में भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा ने इस सम्पत्ति की मरम्मत करवाने के लिए रॉबर्ट वाड्रा को ईमेल भेजकर इजाज़त माँगी थी। ईमेल में चड्ढा ने मरम्मत के पैसे की व्यवस्था करने की बात भी कही थी। वाड्रा ने इसके जवाब में मनोज अरोड़ा को इसकी व्यवस्था करने का निर्देश देने का भरोसा दिया था। दावा है कि घर की मरम्मत पर लगभग ₹45 लाख का ख़र्चा हुआ था।

‘सत्य की हमेशा होती है जीत’ फेसबुक पर वाड्रा कर चुके हैं पोस्ट

बीते दिनों वाड्रा ने अपने फ़ेसबुक पोस्ट में अपनी एक तस्वीर लगाई है और लिखा है, “सुप्रभात! मैं पूरे देश के अपने तमाम मित्रों और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा जो इस समय मेरे साथ खड़े हैं। मैं ठीक-ठाक हूँ और किसी भी परिस्थिति का सामना करने में मैं अपने आप को सक्षम पाता हूँ। सत्य की हमेशा जीत होती है। आप सभी का रविवार अच्छा बीते और आपका ये सप्ताह स्वास्थ्य और ख़ुशियाँ लाए।”

https://m.facebook.com/764044809/posts/10157100535029810

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

1 दर्जन से अधिक कंपनियाँ-संस्थाएँ, कैंप करते PMO अधिकारी, विशेष उड़ानें, ऑक्सीजन प्लांट… यूँ ही नहीं हुआ सुरंग से 41 मजदूरों का रेस्क्यू, PM...

PMO, RVNL, ONGC, SJVNL, THDC, DRDO, DST, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, BRO, NDRF, NDMA, उत्तरकाशी जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार इसमें समन्वय बना कर काम करती रही।

सुरेंद्र राजपूत: 17 साल पहले जिन्होंने 5 साल के प्रिंस को निकाला था बोरवेल से, उनकी बनाई पुली ट्रॉली के कारण 41 मजदूरों के...

सुरेंद्र राजपूत ने सिलक्यारा सुरंग में रैट माइनर्स टीम के लिए पुली ट्रॉली बनाई। इस ट्रॉली से सुरंग से मलबा बाहर निकालने में मदद मिली।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe