अफगानिस्तान में तालिबान ने लगभग कब्जा कर लिया है। वह काबुल से कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में कई वहाँ से अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच अफगानिस्तान में पाकिस्तानी दूतावास भी आगे आया है। उसने अपने नागरिकों के साथ-साथ अफगान और अन्य नागरिकों को कांसुलर सेवाओं की पेशकश की है। इसको लेकर अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने ट्वीट किया है।
Pakistan Embassy in Kabul is extending consular services for Pakistanis, Afghans and other countries’ nationals. The visas and consular services are being extended expeditiously and without charging any illegal or extortion money @SMQureshiPTI @ForeignOfficePk @PakPMO
— Mansoor Ahmad Khan (@ambmansoorkhan) August 14, 2021
खान ने ट्वीट किया कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान दूतावास इन सेवाओं का तेजी से और ‘बिना किसी अवैध या जबरन वसूली’ के विस्तार कर रहा है। दरअसल, राजदूत यह स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे थे कि अफगानिस्तान में युद्ध जैसे हालात में दूतावास द्वारा किसी भी तरह के जबरन वसूली के पैसे की माँग नहीं की जा रही है, जिससे नेटिज़न्स खुश हो जाएँ।
Was extortion money being charged earlier ?
— High (@talkingcurves) August 14, 2021
ऐसे में कुछ लोग यह जानने के लिए भी उत्सुक दिखे कि क्या पहले अफगानिस्तान में पाकिस्तान दूतावास जबरन वसूली करता था।
It is good that you have acknowledged that previously your embassy was officially and quite brazenly charging illegal or extortion money 🤭
— Waheed Mohmand (@Waheedmoeed) August 15, 2021
कई लोगों ने मजाक में यह भी कहा कि आखिरकार पाकिस्तान दूतावास ने स्वीकार कर लिया है कि वह इससे पहले जबरन वसूली करता था।
Pakistan Embassy in Kabul is extending consular services without charging extortion money. https://t.co/jsJEY2KgXK
— 7lescomen🇮🇳 (@7lescomen) August 15, 2021
बिना जबरन वसूली के ऐसी सेवाएँ दी जा रही हैं, यह शायद बड़ी खबर थी।
Why were you charging extortion money? https://t.co/F8evQm30On
— Lord Woodstone (Toss all MAPS out the airlock) (@EricMertz_KC) August 14, 2021
कुछ लोगों ने सही सवाल भी किए।
पाकिस्तानी राजनयिक और उनके शर्मनाक किस्से
हालाँकि, फजीहत के बाद पाकिस्तानी दूतावास ने यह दोहराया वे लोगों से जबरन वसूली नहीं करेंगे औऱ इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। अप्रैल 2021 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब में पाकिस्तान दूतावास के खिलाफ एक उच्च स्तरीय जाँच का गठन किया था, जिस पर मजदूरों से जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था। इसके लिए सऊदी अरब में राजदूत से पूछताछ भी की गई थी।
इस साल अप्रैल में दो पाकिस्तानी राजनयिक दक्षिण कोरिया के एक स्टोर से चोरी करते हुए पकड़े गए थे। राजनयिकों में से एक ने $ 10 (11000 दक्षिण कोरियाई वॉन) की एक टोपी चुरा ली थी, जबकि एक अन्य राजनयिक ने $ 1.70 (1900 दक्षिण कोरियाई वॉन) के चॉकलेट ले लिया था। गौरतलब है कि दोनों अलग-अलग तारीखों पर एक ही दुकान से चोरी करते हुए पकड़े गए थे। 2018 में भी एक पाकिस्तानी राजनयिक अपने कुवैती समकक्ष का बटुआ चुराते हुए पकड़ा गया था।
यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम पर भी उनके लिव-इन पार्टनर ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। हालाँकि, उन्हें राजनयिकों को मिले इम्यून पॉवर के कारण छोड़ दिया गया था। एक अन्य घटना में बांग्लादेश स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में कार्यरत सहायक वीजा अधिकारी, मोहम्मद मजहर खान को एक सिंडिकेट में उसकी भूमिका का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। सिंडिकेट असम और पश्चिम बंगाल सीमा से नकली भारतीय मुद्रा नोटों की तस्करी करता था।
पाकिस्तानी राजनयिकों की बिगड़ती छवि के कारण, संयुक्त राज्य सरकार ने मई 2018 और मई 2019 के बीच अनुमोदन के बिना वाशिंगटन डीसी के आसपास 25 मील के दायरे से आगे उनके आंदोलन पर प्रतिबंध लगाने के लिए यात्रा प्रतिबंध लगा दिया था।