Sunday, September 1, 2024
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कुख्यात ट्रोल ध्रुव राठी ने उड़ाया भारतीय क्रिकेट टीम का मजाक, नाराज प्रशंसकों ने दिखा दी औकात

कुछ क्रिकेट प्रेमी ध्रुव राठी की आलोचना करने में भावनाओं में बहकर कुछ ऐसी टिप्पणी भी कर बैठे जिनसे हमें बचना चाहिए। हमें प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए।

आईसीसी ने एक जैसे रंग वाली जर्सी पहनने वाली टीमों को अलग कलर वाली जर्सी पहनने के लिए कहा है, ताकि मैच के दौरान सभी खिलाड़ी एक जैसे न दिखें। आईसीसी ने भारत की जर्सी का रंग भी बदलने को कहा और कलर चुनने के लिए बीसीसीआई को छूट दी। बीसीसीआई ने फाइनली केसरिया रंग की जर्सी का चयन किया है। अब इस रविवार, यानी 30 जून को होने वाले मैच में भारत इंग्‍लैंड के खिलाफ अपनी नियमित नीली जर्सी की जगह केसरिया जर्सी पहनकर उतरेगा। लेकिन कुछ लोगों को इस रंग से भी आपत्ति हुई है और उनमें से ही एक नाम झूठे आँकड़ों की मदद से सरकार विरोधी प्रोपेगैंडा चलाने वाले ध्रुव राठी का भी है।

इंटरनेट पर बैठकर भ्रामक तथ्य बताकर लोगों को गुमराह करने वाले ध्रुव राठी को भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का केसरिया (भगवा) रंग शायद पसंद नहीं आया और उन्होंने अपने जहर को ट्विटर पर उढ़ेल ही दिया। ध्रुव राठी ने नई जर्सी पहने हुए इंडियन क्रिकेट टीम के खिलाडियों को ट्वीट करते हुए लिखा, “ये तो पेट्रोल पम्प वालों की तरह दिख रहे हैं।” लेकिन भगवा रंग से उनकी यह नफरत ट्विटर यूज़र्स को ख़ास पसंद नहीं आई और उन्होंने तुरंत ध्रुव राठी को याद दिलाया कि उसका खुद का स्तर पेट्रोल पम्प वालों के आसपास भी नहीं ठहरती है और इस वजह से उसे उनका मजाक बनाने का अधिकार नहीं है।

हैरानी की बात यह है कि क्रिकेट टीम में इस नए रंग से आपत्ति सिर्फ ध्रुव राठी को ही नहीं है, बल्कि जर्सी में भगवा तलाश लेने वाले लगभग हर दूसरे व्यक्ति को है। मजाक बनाने वाले लोगों में से अधिकांश पाकिस्तान के नागरिक हैं, लेकिन वो कम से कम ध्रुव राठी की तरह इस देश का अनाज तो नहीं खाते हैं। खेल में भी अपनी विषैली मानसिकता का परिचय देकर इन लोगों ने कम से कम यह तो साबित कर दिया है कि इनकी नफरत का कारोबार अब इनकी नसों में बहने लगा है।

ध्रुव राठी की इस घटिया हरकत पर ट्विटर यूज़र्स ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसे जमकर लताड़ लगाई। साथ ही, ध्रुव राठी को यह याद दिलाया कि पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले व्यक्तियों की भी अन्य लोगों के ही समान इज्जत होती है।

हालाँकि, कुछ क्रिकेट प्रेमी ध्रुव राठी की आलोचना करने में भावनाओं में बहकर कुछ ऐसी टिप्पणी भी कर बैठे जिनसे हमें बचना चाहिए। हमें प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए।

सलीके से हुई आलोचना से जलील होकर ध्रुव राठी ने सफाई देने का प्रयास करते हुए कहा कि वो सिर्फ मजाक कर रहा था।

यह देखना दुखद है कि सरकार, समुदाय और किसी विशेष राजनीतिक दल से घृणा के कारण कुछ लोग खेल तक को नहीं छोड़ रहे हैं और उसमें भी अपनी घृणा को नहीं छुपा पाते हैं। पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले हर हाल में राजनीतिक दलों से रिश्वत लेकर यूट्यूब पर फर्जी आँकड़ों के जरिए लोगों को गुमराह करने और अफवाह फैलाने वाले ध्रुव राठी से लाख बेहतर हैं। क्योंकि वो समाज में एलिटिज्म और उन्माद फैलाने वाले षड्यंत्र रचकर उसे तोड़ने का प्रयास नहीं कर रहे होते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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