Saturday, November 16, 2024
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‘दीदी! प्लीज मत जाओ’: ट्विटर वाली महिमा कौल के इस्तीफे से ‘फूफा-फूफी’ दुखी, हैशटैग ट्रेंड कराने की होड़

साल 2018 में ट्विटर के मुखिया जैक डोर्सी ने कबूला था कि उनके कर्मचारी वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखते हैं। इसके कुछ ही हफ़्तों बाद महिमा कौल ने अपने पुराने ट्वीट डिलीट करना शुरू कर दिए थे जिसमें उनकी राजनीतिक ‘विचारधारा का झुकाव’ साफ़ नज़र आ रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (फरवरी 8, 2021) राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के लिए ‘फूफा-फूफी‘ शब्द का इस्तेमाल किया था। वे बताना चाहते थे कि जिस तरह घरों में आयोजन के वक्त कोई फूफा या फूफी नाराज हो जाती हैं, वही हाल देश के विपक्षी दलों का है। विपक्षी दलों का यही गम ट्विटर की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (भारत और दक्षिण एशिया) महिमा कौल के इस्तीफे को लेकर भी झलक रहा है।

महिमा कौल ने कथित तौर पर व्यक्तिगत वजहों इस्तीफ़ा दे दिया है। लेकिन उनके चाहने वालों पर उनकी वापसी के लिए इस कदर बेचैन हो गए कि ट्विटर पर हैशटैग #MahimaPleaseDontGo ट्रेंड कराने लगे। 

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा इस बात से बेहद निराश नज़र आए। 

उन्होंने महिमा कौल के समर्थन में हैशटैग ट्रेंड कराने की ज़िम्मेदारी उठा ली। अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘दीदी! प्लीज़ मत जाओ’।

पीयूष मिश्रा इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने सीधे ट्विटर के सीईओ (CEO) जैक डोर्सी को टैग किया कि वे महिमा कौल का इस्तीफ़ा नहीं स्वीकार करें। 

फिर डिजिटल दुनिया की इस तात्कालिक क्रांति को आगे बढ़ाते हुए नज़र आए तमाम कॉन्ग्रेसी नेता।  

उन्होंने न जाने किन कारणों से गुरप्रीत वालिया नाम के व्यक्ति को टैग कर दिया, जो खुद को ‘पत्रकार’ बताता है। वह भी महिमा कौल की वापसी के लिए हैशटैग ट्रेंड कराने की कोशिश में जुटा हुआ था। 

उसने दावा किया कि ये हैशटैग उसने ही शुरू किया था और उसने अपने फॉलोवर्स से भी ऐसा करने के लिए कहा था। वालिया एक ‘पत्रकार’ है जो TV24 के लिए काम करता है। 

समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूली सिंह ने भी इस पहल में अपना योगदान देने में कसर नहीं छोड़ी।   

इसी तरह आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और स्वघोषित ‘सोशल मीडिया एक्टिविस्ट’ भी इस काम में जुट गए। हालाँकि महिमा कौल ने ऐसी किसी भी अपील पर ध्यान तक नहीं दिया। 

साल 2018 में ट्विटर के मुखिया जैक डोर्सी ने कबूला था कि उनके कर्मचारी वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखते हैं। इसके कुछ ही हफ़्तों बाद महिमा कौल ने अपने पुराने ट्वीट डिलीट करना शुरू कर दिए थे जिसमें उनकी राजनीतिक ‘विचारधारा का झुकाव’ साफ़ नज़र आ रहा था। 

महिमा कौल के पुराने ट्वीट जो अब डिलीट किए जा चुके हैं (साभार: @iankursingh on Twitter)

ऐसे ही 2010-11 के दौरान जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ट्विटर के एक पूर्व कर्मचारी रहील खुर्शीद ने 15 साल की लड़की का मज़ाक बनाया था। इसकी वजह ये थी कि उस लड़की की राजनीतिक विचारधारा कन्हैया कुमार के विरोध में थी और ये बात खुर्शीद को हज़म नहीं हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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