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अजीत भारती वीडियो
किसान आंदोलन में ‘रावण’ और ‘बिलकिस बानो’, पर क्यों? अजीत भारती का वीडियो । Ajeet Bharti on Farmers Protest
फिलहाल जो नयापन है, उसमें 4-5 कैरेक्टर की एंट्री है। जिसमें से एक भीम आर्मी का चंद्रशेखर ‘रावण’ है, दूसरी बिलकिस बानो है, जो तथाकथित शाहीन बाग की ‘दादी’ के रूप में चर्चा में आई थी।
कावर झील पक्षी विहार या किसानों के लिए दुर्भाग्य? Kavar lake, Manjhaul, Begusarai
15000 एकड़ में फैली यह झील गोखुर झील है, जिसकी आकृति बरसात के दिनों में बढ़ जाती है जबकि गर्मियों में यह 3000-5000 एकड़ में सिमट कर...
किसान आंदोलन या दूसरा शाहीन बाग? अजीत भारती का विश्लेषण | Ajeet Bharti Analysing Farmer Protests
इस आंदोलन में एक ऐसा समूह है जो हर किसी को बरगलाना चाहता है। सीएए के दौरान ऐसा ही शाहीन बाग में देखने को मिला था।
बिहार के किसान क्यों नहीं करते प्रदर्शन? | Why are Bihar farmers absent in Delhi protests?
शंभू शरण शर्मा बेगूसराय इलाके की भौगोलिक स्थिति की जानकारी विस्तार से देते हुए बताते हैं कि छोटे जोत में भिन्न-भिन्न तरह की फसल पैदा करना उन लोगों की मजबूरी है।
कानपुर लव जिहाद SIT रिपोर्ट की क्रूर सच्चाइयाँ जो वामपंथी छुपा रहे हैं: अजीत भारती का वीडियो | Kanpur SIT report analysis
‘लव जिहाद’ को बार-बार समझना आवश्यक है क्योंकि कुछ लम्पट वामपंथी पोर्टल और बकैत एंकर इसे ‘अंतरधार्मिक विवाह‘ का मसला और ‘प्रेम पर सरकार का पहरा’ मान कर स्थापित करने में सत्तू-पानी बाँध कर बैठ गए हैं।
क्या है अर्णब-अन्वय नाइक मामला? जानिए सब-कुछ: अजीत भारती का वीडियो | Arnab Goswami Anvay Naik case explained in detail
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मुंबई पुलिस का चेहरा 4 नवंबर को पूरे देश ने देखा। 20 सशस्त्र पुलिसकर्मी उनके घर में घुसे, घसीटकर उन्हें अलीबाग थाने ले गए।
यूपी में लव जिहाद पर अध्यादेश पारित: अजीत भारती का वीडियो | UP passes ordinance on Love Jihad and conversions
नाम छिपाकर शादी करने वाले के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर 1 से 10 साल तक की सजा होगी।
लव जिहाद पर रवीश की बकैती, अर्णब से सौतिया डाह: अजीत भारती का वीडियो | Ravish equates Love Jihad to love marriage
रवीश कुमार ने कहा कि भारतीय समाज प्रेम विरोधी है। हालाँकि, रवीश कुमार ने ये नहीं बताया कि उन्होंने यह बातें किस आधार पर कही।
बकैत की रिपोर्ट: अर्णब के ‘समर्थन’ में रवीश की बकैती | Ravish supports ‘not a journo’ Arnab
रवीश कुमार ने अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर वैसे ही लिखा है, जैसे कोई भी वामपंथी तब बोलता है जब उसके मुँह में बाँस डाला जाता है कि फलाँ विषय पर बोलो।
प्रेस फ्रीडम है क्या? क्या वाकई पहले के मामलों को अर्णब के समकक्ष रखा जा सकता है?
प्रेस की स्वतंत्रता आखिर क्या है? क्या NDTV, वायर, या फिर क्विंट, इन सबके मामले प्रेस या पत्रकारिता से ही जुड़े हुए थे या फिर पैसों की हेरफेर से?