मूर्ति विसर्जन के लिए जाने वाले रास्ते में माँस का टुकड़ा देखकर श्रद्धालुओं का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने वहाँ नारेबाजी शुरू कर दी। भड़की भीड़ ने इसके बाद इलाके के पास मौजूद माँस की कुछ दुकानों को भी निशाना बनाया और वहाँ खड़ी मोटरसाइकल में तोड़फोड़ की गई।
दूसरे समुदाय के कुछ लोग दुर्गा पूजा के जुलूस में सुबह शामिल भी हुए। वे जुलूस के साथ चलते हुए मस्जिद वाली गली तक भी आए और बाद में पथराव करने वाले अन्य लोग भीड़ का हिस्सा बन गए। पत्थरबाज़ी में “मोहम्मडन” मर्दों के अलावा औरतें और बच्चे भी शामिल थे।
एडिशनल एसपी ने अंदेशा जताया कि मुस्लिमों द्वारा की गई पत्थरबाजी स्वाभाविक नहीं भी हो सकती है और सम्भावना है कि वे पहले से ही पत्थर वगैरह लेकर देवी-विसर्जन के जुलूस पर धावा बोलने को तैयार बैठे हों।
उत्तर प्रदेश के बदायूं के उघैती में नवरात्रि के आखिरी दिन रविवार की देर रात कुछ अराजक तत्वों ने इलाके में स्थित शिव मंदिर में तोड़फोड़ करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। घटना की सूचना मिलते ही इलाके में तनाव बढ़ गया। पुलिस ने...
पीड़िता अपने प्रेमी के साथ बाइक पर जा रही थी। बदमाशों ने उन्हें रोक लिया और युवती के साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया गया। युवती ने अपना चेहरा दुपट्टे से ढक रखा था। बदमाशों ने जबरन दुपट्टा हटा कर वीडियो बनाने का प्रयास किया। बाद में आरोपितों ने लड़के को पकड़ लिया।
उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले की कैराना विधानसभा से समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट से कुर्की का नोटिस पारित होने के बाद तीन अलग-अलग मामलों में फ़रार चल रहे नाहिद हसन को शामली की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है।
"इस फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। एसपी ने अपने दम पर ऐसा किया है और जब तक हमें मुख्यमंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है, हम न तो इस पहल को मंजूरी देंगे और न ही इसे अस्वीकार करेंगे।”
"तीन भाइयों- आसिफ़, हाफिज़ और अनीस के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। ये मृत बंदर के इर्द-गिर्द घूम रहे थे और उनमें से एक ने बंदर को गोली मार दी। बंदर की पीठ पर गोली लगी और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।" हिंदू मान्यता के अनुसार बंदर को भगवान हनुमान का रूप कहा जाता है।
इससे पहले आजम खान 2 अक्टूबर को अपने परिवार के साथ जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले के संबंध में बयान दर्ज करवाने के लिए एसआईटी के सामने पेश हुए थे। इस दौरान जाँच टीम ने सपा सांसद से 150 सवाल पूछे थे। जिसके बाद उन्होंने बयान दिया था कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
फरहीन और इंतजार का करीब तीन साल पहले निकाह हुआ था। 3 अक्टूबर को फरहीन को उसके परिजन अपने घर ले गए। पीछे-पीछे इंतजार भी ससुराल पहुॅंच गया। अगले दिन संदिग्ध परिस्थितियों में जलने के कारण उसकी मौत हो गई।