लांबा ने बीते दिनों ट्वीट कर कहा था, "आम आदमी पार्टी में सम्मान से समझौता करके रहने से बेहतर है कि मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दूँ और अगला चुनाव चाँदनी चौक विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लडूँ।"
3 फरवरी को मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। मामला 2013 में भाजपा की प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा ने दर्ज कराया था। दर्ज की गई शिक़ायत के अनुसार जोगी ने शपथ-पत्र में अपना जन्म स्थान ग़लत बताया था।
सोनिया को लिखे कमलनाथ के मंत्री के खत ने खड़े किए कई सवाल। क्या मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार चलेगी? ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष बन पाएँगे? और सबसे महत्वपूर्ण क्या उमा भारती के 'मिस्टर बॅंटाधार' फिर से प्रदेश में पार्टी की कब्र खोद कर ही मानेंगे?
आरोपी सोंटा कॉन्ग्रेस का महामंत्री है और पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है। उसके खिलाफ हत्या, मारपीट और सूदखोरी के कई केस दर्ज हैं। वहीं, सोंटा का साथी अनमोल कॉन्ग्रेस के छात्र संगठन से जुड़ा हुआ है। वह भी नामी बदमाश है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्विटर के जरिए कॉन्ग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, "अब तो स्वयं साक्षात मंत्री जी कह रहे हैं तो सवाल अहम हो जाता है। क्या संवैधानिक व्यवस्था को ताक पर रख दिया। क्या शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री से परे सत्ता के सूत्र किसी अन्य के पास हैं तो संवैधानिक संकट है? "
बठिंडा निवासी और सिविल लाइन क्लब के पूर्व प्रधान जगजीत सिंह धालीवाल एवं शिवदेव सिंह ने इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस द्वारा एक निजी क्लब में मालवा कॉन्ग्रेस भवन खोले जाने के खिलाफ स्थाई रोक लगाने की माँग की थी।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का बीजेपी और ISI पर दिए बयान से कॉन्ग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है। कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीएल पुनिया ने यह साफ़ कर दिया है कि यह दिग्विजय सिंह के व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं और अगर उन्हें ऐसा लगता है कि तो उन्हें इस सन्दर्भ में सबूत पेश करने चाहिए।
कश्मीर के कॉन्ग्रेसी नेता सलमान निज़ामी ने केंद्र/राष्ट्रपति शासन और मुफ़्ती-अब्दुल्ला शासन के समय मारे गए लोगों की संख्या की तुलना की। उन्होंने लिखा, "उमर अब्दुल्ला के समय फैली अशांति में 200 लोग मारे गए, महबूबा मुफ़्ती के समय फैली अशांति में 260 लोग मारे गए, 2019 की अशांति में शून्य मारे गए।"
“कॉन्ग्रेस ने 370 को हटाने का विरोध किया। आज भी राहुल गाँधी जो बयान देते हैं उसकी पाकिस्तान में तारीफ होती है। उनके बयान को पाकिस्तान अपनी याचिका में शामिल करता है। कॉन्ग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए कि उनके बयान का उपयोग भारत के खिलाफ हो रहा है।”