Wednesday, November 13, 2024

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किसान आंदोलन

इमरान खान के मंत्री ने ‘किसान’ आंदोलन का किया समर्थन, POk के एक्टिविस्ट ने कहा- पहले पाकिस्तान सँभाल ले

“तुम्हारी (इमरान खान) सरकार खुद काँप रही है और अंदाज़ा नहीं है कि आगे क्या करना है। पाकिस्तान सरकार के लिए स्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि छुपना कहाँ है।”

‘हम अल्टीमेटम दे रहे हैं, कानून वापस लो, वरना घेरेंगे रेलवे ट्रैक’: किसान नेताओं की PM मोदी को धमकी

बूता सिंह ने कहा ने कहा कि उनका यह निर्णय आज की मीटिंग में लिया गया है कि अब भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख तय करेगा और घोषणा होगी।

किसानों को फसल बेचने की स्वतंत्रता मिले, बिना टैक्स के खरीद-फरोख्त हो, तो किसी को क्या आपत्ति होगी?: कृषि मंत्री

रबी और खरीफ की खरीद अच्छे से हुई है। एमएसपी को डेढ़ गुना किया गया है, खरीद की वॉल्यूम भी बढ़ाया गया है। अगर इसके बावजूद एमएसपी के मामले में किसानों को कोई शंका है तो सरकार लिखित में आश्वासन देने को तैयार है।

शहरी नक्सलियों, दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में 53 लाशें गिराने वालों को करो रिहा- धरने पर बैठे किसान नेताओं की माँग

BKU उगराह ने माओवादी-नक्सलियों के साथ संबंध के आरोप में UAPA के तहत गिरफ्तार किए गए कई आरोपितों की रिहाई की माँग की है।

किसान आंदोलन के वीडियो ‘इंदिरा ठोक दी’ मोदी को भी… का विरोध पड़ा भारी: नौकरी से निकाले गए वाइस प्रिंसिपल

विजयपाल सिंह कजरी निरंजनपुर स्थित निजी स्कूल अकाल एकेडमी में बतौर उपप्रधानाचार्य कार्यरत थे। किसान आंदोलन से संबंधित एक वायरल वीडियो पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।

25 सितंबर को झुठलाई गई खबर के बाद भी रवीश ने लगातार अडानी को ले कर फैलाया फेक न्यूज

रवीश कुमार ने कथित किसान आन्दोलन के बीच एक बार फिर अम्बानी-अडानी का जिक्र लाकर बहस को नई दिशा दी है। उनके दावे व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के दावों से भिन्न नहीं हैं।

S02E05: किसान आंदोलन पर 14 दिन से बकैती | Ravish Kumar’s continuous propaganda on farmer protest

लगातार दो सप्ताह से बकैत रवीश कुमार ने वैसा ही प्रपंच फैलाना जारी रखा है जैसे वो शाहीन बाग के समय कर रहा था।

किसानों ने ठुकराया MSP जारी रखने का प्रस्ताव, कहा- और तेज करेंगे आंदोलन, भाजपा नेताओं का करेंगे घेराव

सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव भेजा। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कृषि कानूनों की वापसी की माँग की है।

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