“तुम्हारी (इमरान खान) सरकार खुद काँप रही है और अंदाज़ा नहीं है कि आगे क्या करना है। पाकिस्तान सरकार के लिए स्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि छुपना कहाँ है।”
बूता सिंह ने कहा ने कहा कि उनका यह निर्णय आज की मीटिंग में लिया गया है कि अब भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्त किसान मंच इसकी तारीख तय करेगा और घोषणा होगी।
रबी और खरीफ की खरीद अच्छे से हुई है। एमएसपी को डेढ़ गुना किया गया है, खरीद की वॉल्यूम भी बढ़ाया गया है। अगर इसके बावजूद एमएसपी के मामले में किसानों को कोई शंका है तो सरकार लिखित में आश्वासन देने को तैयार है।
विजयपाल सिंह कजरी निरंजनपुर स्थित निजी स्कूल अकाल एकेडमी में बतौर उपप्रधानाचार्य कार्यरत थे। किसान आंदोलन से संबंधित एक वायरल वीडियो पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
रवीश कुमार ने कथित किसान आन्दोलन के बीच एक बार फिर अम्बानी-अडानी का जिक्र लाकर बहस को नई दिशा दी है। उनके दावे व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के दावों से भिन्न नहीं हैं।
सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव भेजा। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कृषि कानूनों की वापसी की माँग की है।