महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो लगाई जाती है, तो कोविड-19 से जान गँवाने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी उनकी फोटो लगाई जानी चाहिए।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जब दिल्ली और महाराष्ट्र ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगर समय रहते ऑक्सीजन की कमी पर ध्यान देती तो ऐसे हालात देखने को नहीं मिलते।
कोरोना महामारी से जूझ रही मुंबई की बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शनिवार को तीसरी सीरो सर्वे रिपोर्ट जारी की। सीरो सर्वे में खुलासा हुआ है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कोरोना से लड़ने के लिए ज्यादा एंटीबॉडी हैं।
“पीएम केयर्स फंड के अंतर्गत इसी साल देशभर के जन स्वास्थ्य विभागों में पीएसए मेडिकल जेनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 201.58 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया था।”
इसमें कुल खर्च प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से विज्ञापन और प्रचारों में किया गया है। केजरीवाल सरकार ने बीते 2 साल में अपने प्रचार-प्रसार में 800 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया है।
दिल्ली में ऑक्सीजन की खासी किल्लत है। राजधानी के लिए 490 टन ऑक्सीजन अलॉट किया गया है। कल केंद्र सरकार ने 10 टन और बढ़ाई है। लेकिन, फिलहाल दिल्ली में अभी केवल 335 मीट्रिक टन तक ही ऑक्सीजन पहुँच रही है।
"अगर आवंटन 3 दिन पहले किया गया था, तो आपने टैंकरों के लिए कोई और विकल्प क्यों नहीं तलाशा? आपकी पार्टी के प्रमुख खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं, वह जानते हैं कि यह काम कैसे किया जाता है।"