Sunday, May 5, 2024

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दिल्ली हिन्दू-विरोधी दंगे

सफूरा जरगर, छात्रा या रतन लाल की हत्या में शामिल दंगाई? | Ajeet Bharti on Safoora Zargar’s role in Ratan Lal murder

चार्जशीट के मुताबिक सफूरा भी पुलिस हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की हत्या की उतनी ही जिम्मेदार है, जितनी कि दंगाइयों की भीड़। रतन लाल की हत्या में सफूरा का नाम मुख्य साजिशकर्ता में शामिल है।

ताहिर हुसैन ने प्लान किया था हिंदू विरोधी दंगा: अजीत भारती की विस्तृत रिपोर्ट | Ajeet Bharti on Delhi Anti Hindu Riots

ताहिर हुसैन ने इंसानों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। हुसैन ने खुद ही कबूला कि उसी ने मुस्लिम भीड़ को भड़काया था और चाँदबाग, खजूरी खास एवं अपने छत से हिंसा भड़काया था।

हेट स्पीच मामले में कपिल मिश्रा समेत इन BJP नेताओं को मिली राहत, पुलिस ने कहा- दंगे भड़काने के नहीं मिले कोई सबूत

हलफनामे में कहा गया कि दिल्ली पुलिस इन नेताओं के भाषणों की पड़ताल कर रही हैं। अगर दंगों से जुड़े किसी भी नेक्सस का खुलासा इसके पीछे होता है तो......

‘मानव हथियार’ की तरह दंगाइयों का किया प्रयोग: ताहिर हुसैन को बेल नहीं देने से पहले जज ने दिए 6 महत्वपूर्ण बयान

कोर्ट ने कहा कि इस मामले के गवाह उसी इलाके के हैं, जहाँ ताहिर रहता हैं। ऐसे में मुमकिन है अगर ताहिर बेल पर छूटे तो वह उन्हें धमकाए।

‘कल सब आएँ और साथ में पत्थर, डंडे, रॉड लाएँ’: सफूरा जरगर और उसके साथियों के गुप्त बैठकों की डिटेल

कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या की चार्जशीट बताती है कि किस तरह सफूरा जरगर जैसों ने दिल्ली दंगों पूरी साजिश रची थी।

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा – ‘दिल्ली दंगों की साजिश की जड़ें काफी गहरी’

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए सेशन कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मे हुए दंगों के पीछे एक ऐसी साजिश थी, जिसकी जड़ें काफ़ी गहरी हैं।

माफ़ कर दीजिए, मुझसे गलती हो गई: ताहिर हुसैन ने कबूला- हिन्दुओं को सबक सिखाना चाहता था, घर को बनाया था लॉन्चपैड

ताहिर हुसैन ने जानकारी दी कि उसने भीड़ को अपनी छत पर खड़े होकर गोलीबारी और पत्थरबाजी करने को कहा क्योंकि उसे लगता था कि उसका घर ऊँचा है तो वो हिंदुओं को आसानी से निशाना बना सकता है। उसने कबूल किया है कि भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी।

मैं हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था, दंगों से पहले तुड़वा दिए थे सारे कैमरे: ताहिर हुसैन का कबूलनामा

8वीं तक पढ़ा ताहिर हुसैन 1993 में अपने पिता के साथ दिल्ली आया था और दोनों पिता-पुत्र बढ़ई का काम करते थे। पढ़ें दिल्ली दंगों पर उसका कबूलनामा।

ताहिर हुसैन के खिलाफ उसके ही 2 कर्मचारी मुख्य गवाह, खोले दिल्ली दंगों के दिन के कई राज

दोनों 24 फरवरी को उस वक्त ताहिर हुसैन के कार्यालय में ही थे जब उसके बेसमेंट में लोग इकट्ठा हो रहे थे और आप का निलंबित पार्षद उनसे गोपनीय बातें कर रहा था।

ऑपइंडिया एक्सक्लूसिव: साहिल के पिता परवेज 3 बार में 3 तरह से, 2 अलग जगहों पर मरे… 16 हिन्दुओं के नाम FIR में

आखिर साहिल परवेज ने तीन बार में तीन अलग-अलग बातें क्यों बोलीं? उसके पिता की हत्या घर के गेट के पास हुई या फिर बाबू राम चौक पर? उसे अस्पताल ले जाने वाला नितेश कौन है? साहिल अपने पिता को स्कूटी पर ले गया था, या उसका दोस्त शाहरुख?

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