Saturday, April 20, 2024

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न्यायपालिका

शो नहीं देखना चाहते तो उपन्यास पढ़ें या फिर टीवी कर लें बंद: ‘UPSC जिहाद’ पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़

'UPSC जिहाद' पर रोक को लेकर हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिनलोगों को परेशानी है, वे टीवी को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं।

‘मनमाना फैसला न आने पर कॉन्ग्रेसी गिरोह ने हमेशा न्यायपालिका के खिलाफ अभियान चलाकर उसे कमजोर किया’

कॉन्ग्रेस के यह फैसले न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर स्पष्ट हमला थे। SC के जजों के निष्कासन को सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस और वाम दलों ने पूरी तरह से सही ठहराया था।

ट्विटर ने CJI पर प्रशांत भूषण के ट्वीट हटाए, साल 2010 का इंटरव्यू भी पड़ रहा भारी: जानिए क्या है मामला

ट्विटर ने शनिवार को प्रशांत भूषण के दो ट्वीट हटा लिए। इनमें से एक ट्वीट 27 जून को और दूसरा 29 जून को किया गया था।

एजेंडा के लिए हो रहा न्यायपालिका का इस्तेमाल, सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप के लिए लोग जा रहे SC: हरीश साल्वे

हरीश साल्वे ने कहा कि कुछ लोग न्यायपालिका की आलोचना करते हुए कहते हैं कि उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है और अगले ही दिन कोर्ट में भागे आते हैं।

कारगिल के ‘शैतान’ परवेज़ मुशर्रफ़ को फाँसी की सजा: इमरजेंसी थोपने के लिए देशद्रोह का था मामला

पेशावर हाई कोर्ट ने गायब चल रहे पूर्व राष्ट्रपति, सैन्य जनरल और मुल्क को कारगिल की शर्मनाक हार में झोंकने वाले पूर्व तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ़ को मौत की सज़ा सुनाई है। उन पर 3 नवंबर, 2007 को संविधान को निलंबित कर देश में इमरजेंसी थोपने के मामले में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था।

कुछ लोग खुद को RTI एक्टिविस्ट कहते हैं, क्या यह पेशा है: प्रशांत भूषण से CJI

जस्टिस बोबडे ने चिंता जताई कि इस जानकारी का इस्तेमाल लोगों को ब्लैकमेल करने में हो सकता है। उन्होंने कहा कि कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

महिलाओं की पुकार सुने जुडिशरी: RS प्रसाद की सलाह के बाद बोले CJI बोबडे- न्याय तुरंत नहीं हो सकता

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि न्याय त्वरित रूप से किया जा सकता है या फिर ऐसा होना चाहिए। जस्टिस बोबडे ने कहा कि न्यायिक सुधार की प्रक्रिया जुडिशरी ख़ुद करेगी और इसे सार्वजनिक रूप से करना है या नहीं, इसपर बहस हो सकती है।

‘1,000 से ज्यादा फ़ास्ट ट्रैक अदालतें, 1 साल में होगा 1,66,882 बलात्कार-पॉक्सो मामलों का निपटारा’

सरकार ने हर एक राज्य और हाई कोर्ट से इनके गठन और संचालन के लिए हाँ या न इसी साल 31 दिसंबर तक कर देने के लिए कहा है।

‘सबरीमाला तो ठीक… लेकिन अजान पर भी तो आया था कोर्ट का फैसला, उसका क्या?’

कॉन्ग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को प्रोपेगेंडा किए बगैर चैन नहीं पड़ रहा। उसने खबर यह फैलाई कि सुबह की अज़ान और डेसीबल स्तर के बारे में आया फैसला लागू नहीं किया गया, अतः महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश से संबंधित फैसला भी लागू नहीं होना चाहिए।

माओवादी कैसे मारे गए, इसकी जाँच हो लेकिन रिपोर्ट आने तक हम कोई सवाल नहीं खड़े कर रहे: केरल HC

इस की जाँच हो कि एनकाउंटर में शामिल अफसरों के हाथों इस घटना के दौरान कोई आपराधिक कृत्य तो नहीं घटित हुआ है। लेकिन इसे एनकाउंटर की सत्यता, उसकी परिस्थितियों या माओवाद के आरोपितों की मृत्यु पर सवाल के रूप में न देखा जाए।

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