सामना के संपादक और शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हम चाहते हैं कि
अयोध्या दौरे के लिए हमारे गठबंधन के नेताओं को भी साथ आना चाहिए। इतना ही नहीं राउत ने आगे ये भी कहा कि राहुल गाँधी पहले से ही मंदिरों में जाते भी हैं।
शिवसेना भी पाथरी में बंद बुला रही है क्योंकि सांसद संजय जाधव ने कहा है कि साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी ही है। शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर शिरडी ने सरकार पर दबाव बनाया है तो वो भी दबाव बनाने के लिए तैयार हैं।
एनसीपी नेता जितेंद्र के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद एनसीपी नेता के इस बयान की जमकर आलोचना की जा रही है।
सोहेल ने बताया कि हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने का उसे कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। फिर क्राइम आधारित टीवी शो देख उसे शव को टुकड़े-टुकड़े कर फेंकने का विचार आया। अम्मी की लाश के उसने टुकड़े किए और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।
राज्य में शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी के गठजोड़ में नवाब मलिक ने अहम भूमिका निभाई थी। एनसीपी उन्हें राज्य के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे के रूप में पेश करती रही है। उनके भाई का वीडियो वायरल होने पर उनका कोई बयान नहीं आया है।
ऑपइंडिया ने एक ख़बर में बताया था कि कॉन्ग्रेस के अधिकतर विधायक ग्रामीण इलाक़ों से जीत कर आए हैं। ऐसे में, पार्टी को सहकारिता, कृषि और ग्रामीण सम्बन्धी एक भी विभाग न मिलना पार्टी नेताओं के बीच नाराज़गी की वजह बन रही है।
"हमारी संस्कृति में ऐसा कहा जाता है कि किसी गाय को छूने से हमारी नकारात्मकता दूर हो जाती है।" - कॉन्ग्रेसी मंत्री यशोमति के इस भाषण के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है। लोग उन्हें भाजपाई करार दे रहे हैं।
मंगलवार को पुणे स्थित ABVP के कार्यालय पर हमला किया गया। हमलावरों ने ABVP ऑफ़िस के बाहर लगे बोर्ड को काली स्याही से रंग दिया। बाद में खुलासा हुआ कि हमलावर राष्ट्रवादी छात्र कॉन्ग्रेस के नेता और शरद पवार की राकांपा के छात्रसंघ अध्यक्ष थे।
“हमारी सरकार अब तक सत्ता में नहीं थी। लेकिन अब आ गई है। अब मैं मंत्री बन गई हूँ, लेकिन अभी हमें अपनी जेबें भरनी बाकी है।” इस बयान पर कॉन्ग्रेस की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। न ही सहयोगी पार्टी शिवसेना और एनसीपी की तरफ से कोई बयान सामने आया है।
FREE KASHMIR बैनर को लेकर उठे बवाल पर मुख्यमंत्री भले अब तक शांत हैं लेकिन उनके 'संजय' ने मुँह खोल दिया है। संजय राउत की सफाई यह है - "जिन्होंने यह बैनर थामा था, उनका मकसद कश्मीर में फ्री इंटरनेट, फ्री मोबाइल सर्विसेज और अन्य प्रतिबंधों से है।"