भाजपा और कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्रियों की औसत उम्र में डेढ़ दशक का फ़र्क़ है। अगर वंशवाद को हटा दें तो कॉन्ग्रेस में शायद ही कोई बड़ा युवा नेता हो। जबकि विपक्षियों द्वारा रूढ़िवादी कही जाने वाली भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री की उम्र 65 से ज्यादा नहीं है।
एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा सरकार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। उनकी मानें तो वे इस बार 74+ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े सूबे के लिए क्या राहुल या प्रियंका राफ़ेल पर 'बोफोर्स' से हमला करेंगे या कुतुब पर चढ़ 'आसमानी' बातें करेंगे?
अच्छा होता कि अखिलेश यादव अपनी संवेदनहीनता को इस बात तक ही सीमित रखते कि उत्तर प्रदेश में ज़हरीली शराब कौन बना रहा है। उनका ये सवाल उचित होता कि प्रशासन आख़िर क्यों इन शराब की भट्टियों को चलने देता है।
योगी ने कहा, “मोदी सरकार द्वारा दिया गया ग़रीबों के मकान का पैसा टीएमसी की सरकार और टीएमसी के गुंडे खा जाते हैं। यहाँ की सरकार भ्रष्ट है। आपने देखा होगा कि कैसे बंगाल के अंदर यहाँ की मुख्यमंत्री शारदा चिटफंड घोटाले के एक भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का काम कर रही हैं।"
योगी आदित्यनाथ रांची से बोकारो होते हुए पुरुलिया जाएँगे। इस राजनीतिक उठा-पटक पर उत्तर प्रदेश सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री ने तृणमूल से पूछा - हाउ इज द खौफ? यानी डर कैसा है?