Sunday, November 24, 2024

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राहुल गांधी

गरीबों को गारंटी करके न्यूनतम आमदनी देंगे: राहुल गाँधी का ‘ऐतिहासिक निर्णय’

शुरुआत के लिए उन्हें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करना चाहिए, और फिर लोगों को समझाना चाहिए कि ये करना भी है, तो कॉन्ग्रेस की तरह करो।

हेमा मालिनी पर बेहूदा कॉमेंट से पहले इंदिरा के पोस्टर को भी देख लो ‘दुर्जन’ सिंह

चिकने चेहरों की बात करने वाले सज्ज्न सिंह ये बताने का कष्ट करेंगे कि क्या वो इस नेता नगरी में कोई ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीत कर आए थे, या उन्हें मंत्री पद दान में मिल गया था ?

राहुल गाँधी, ठीक से याद कीजिए, नफ़रत की नर्सरी से लेकर झूठ के विश्वविद्यालय तक कॉन्ग्रेस से जुड़े हैं

निराधार बातें करके अपनी छवि को बूस्ट करने वाले राहुल गाँधी एक बार फिर से अपनी कही बातों के कारण पकड़ में आ गए हैं।

जनता की सेवा में हाज़िर किए राहुल गाँधी ने 3 सिपाही!

राहुल ने अमेठी की जनता से कहा कि जब भी बीजेपी कार्यकर्ता आपसे आपका वोट माँगने आएँ तो उन्हें बोलिए कि उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया है।

राहुल ने हमारी ज़मीनें हड़प रखी हैं, वो यहाँ के लायक नहीं: अमेठी में किसानों का प्रदर्शन

गौरीगंज इलाके में किसानों ने माँग करते हुए कहा कि या तो राजीव गाँधी फाउंडेशन द्वारा किसानों की ज़मीनें उन्हें वापस कर दी जाए या फ़िर उन्हें रोज़गार प्रदान किए जाएँ।

राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री बनने पर ममता को आपत्ति: गौरव गोगोई

गौरव गोगोई ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि राहुल गाँधी ही प्रधानमंत्री होंगे और केंद्र में अगली सरकार राहुल के नेतृत्व में बनेगी।

प्रियंका गाँधी वाड्रा की राजनीति में एंट्री, कॉन्ग्रेस का मास्टर स्ट्रोक?

कॉन्ग्रेस पार्टी के संगठन में हुए इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "बीजेपी में पार्टी ही परिवार है, जबकि कॉन्ग्रेस में परिवार ही पार्टी है।"

‘महाठगबंधन’ की बारात में ‘तानाशाह’ दीदी से लेकर दोमुँहे साँप केजरी ‘सड़जी’ फन फैलाए बैठे हैं

ये पार्टियाँ एक तरफ संसद में जीएसटी, आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाले बिल पर पूरा समर्थन देती हैं, वहीं दूसरी ओर संसद के बाहर राष्ट्र हित के इन इन पैमानों की जमकर आलोचना करते हैं

कॉन्ग्रेस को गठबंधन में न रखकर सुधारा है अपना ‘चुनावी अंकगणित’ – अखिलेश यादव

अखिलेश का सीटों पर किए बँटवारे पर कहना है कि सीटों पर समझौता करके उन्होंने विपक्षी एकता को मज़बूत किया है।

कौन बनेगा PM और कैबिनेट में होगा कौन… चुनने का आख़िरी मौक़ा सिर्फ़ यहाँ!

जीत का शंखनाद फूँका जा रहा है। देश को 'संघी-सांप्रदायिक' ताकतों से छुटकारा मिल गया है। समाजवाद-लालवाद-बेटावाद-दाढ़ीवाद से लेकर दीदी-बुआवाद सब मिलकर अब माल-वाद की मलाई खाएँगे

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