राहुल गाँधी का जयपुर में दिया गया बयान महिला-विरोधी है। उनकी ओछी मानसिकता का परिचायक है। और ट्विटर पर उस बयान के बचाव में एक और सेक्सिस्ट बयान देना उनकी छोटी सोच को दर्शाता है।
एक तरफ, कॉन्ग्रेस उस सीट से चुनाव लड़ने के लिए नए नाम पर विचार कर रही है, तो दूसरी तरफ प्रिया दत्त ने इस बात का ख़ुलासा नहीं किया है कि वो कहाँ से और किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी।
लोगों द्वारा लगातार आवाज उठाने के बाद एडिटर्स गिल्ड ने चुप्पी तोड़ते एक बयान तो जरी किया लेकिन उसमे राहुल गाँधी द्वारा स्मिता प्रकाश पर की गई टिपण्णी को लेकर आपत्ति जताने से ज्यादा पुराने घिसे-पिटे मुद्दों पर भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया।