Monday, May 20, 2024

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वामपंथ

‘फासीवादी, उनके हाथ खून से सने’ – अरुण जेटली के निधन पर लिबरपंथियों ने ऐसे मनाया जश्न!

स्व-घोषित 'उदारवादियों' और लिबरपंथियों का यह रेगुलर पैटर्न बन गया है। ये किसी भी भाजपा नेता की मृत्यु के बाद जश्न मनाते हैं। संवेदना, संस्कृति, जीवन-मरण जैसे शब्द इनकी डिक्शनरी में मानो है ही नहीं। अगर होता तो शायद ये वो नहीं होते, जो आज ये बन चुके हैं!

खोखले लिबरलो, वामपंथियो! तुमने ढंग से पत्रकारिता की होती, तो हमारी ज़रूरत ही नहीं पड़ती

पहले तो हमें पत्रकार ही नहीं माना, फिर कहा इनकी भाषा ठीक नहीं है, फिर याद दिलाया कि मर्यादा लाँघ रहे हैं... ये सब इसलिए कि इनकी हर नग्नता, हर झूठ को हमने परत दर परत छीला है। अब वामपंथी बिलबिला रहे हैं क्योंकि लोग इन्हें पढ़ते भी हैं तो बस गाली देने के लिए।

…क्योंकि वामपंथ का कोई लोकतंत्र नहीं होता: हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शनकारियों को आतंकी बता कर नहीं बच सकता चीन

जम्मू कश्मीर पर UN की बैठक बुलाने वाला चीन हॉन्गकॉन्ग पर UN की रिपोर्ट को ग़लत बताता है। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को आतंकी बताता है। उन्हें अपनी सेना का धौंस दिखा रहा है। जबकि हॉन्गकॉन्ग की 71% जनता चीनी कहलाने में गर्व महसूस नहीं करती।

जिसके पिता ने लिखी सत्यनारायण कथा, उसके 3 बेटों ने ‘इज्जत लूटने वाले’ अंग्रेज को मारा और चढ़ गए फाँसी पर

अंग्रेज सिपाही प्लेग नियंत्रण के नाम पर औरतों-मर्दों को नंगा करके जाँचते थे। चापेकर बंधुओं ने इसका आदेश देने वाले अफसर वॉल्टर चार्ल्स रैंड का वध करने की ठानी। प्लान के मुताबिक जैसे ही वो आया, दामोदर ने चिल्लाकर अपने भाइयों से कहा "गुंडया आला रे" और...

कविता कृष्णन का ईमेल लीक: देश विरोधी एजेंडे के लिए न्यायपालिका, सेना, कला..के लोगों को Recruit करने की योजना

वामपंथियों की जड़ें कितनी गहरी हैं, स्क्रीनशॉट्स में इसकी भी नज़ीर है। कविता कृष्णन पूर्व-सैन्यकर्मी कपिल काक के बारे में बात करतीं नज़र आतीं हैं। वायुसेना के पूर्व उप-प्रमुख यह वामपंथी प्रोपेगंडा फैलाते नज़र आते हैं कि कैसे भारत ने कश्मीर की आशाओं पर खरा उतरने में असफलता पाई है, न कि कश्मीर ने भारत की

कविता कृष्णन के साथ चरम-वामपंथी गिरोह कश्मीर पर फैलाना चाहता था प्रोपेगंडा, प्रेस क्लब ने भगाया

जब सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रही है, तो यह 'एक्टिविस्ट' घाटी की एक नकारात्मक छवि बनाने में लगे हुए हैं। इसीलिए प्रेस क्लब ने उन्हें उन रिपोर्टों की रिलीज़ के लिए ज़मीन देने से मना कर दिया, जिनकी पुष्टि नहीं की जा सकती।

वामपंथी फट्टू तो होते थे, लेकिन JNU वालों ने कल रात नई मिसाल पेश की है

JNU में तो दो बार से सारे वामपंथियों के नितम्ब चिपक कर एक होने के बाद ही चुनाव जीते जा रहे हैं, इस साल कितने चिपकेंगे ये देखने की बात है। घर में कॉफी पीने वाला लेनिनवंशी पब्लिक में लाल चाय पीने लगता है और छत पर मार्लबोरो फूँकता माओनंदन कॉलेज के स्टाफ क्लब में बीड़ी पीता दिखता है।

Video: ‘हिन्दुस्तान तो फासिस्ट है, ये हमारे लिए लानत है’ – JNU में फिर शुरू हुआ ‘आजादी गैंग’ का खेल

"आप लोग डरिए मत, ये हम कह रहे हैं... ये जुल्म कश्मीरी बर्दाश्त नहीं करेगा। हिन्दुस्तान तो फासिस्ट है... ये हमारे लिए एक लानत है और मैं इस लानत को स्वीकार नहीं करूँगा।"

Article 370 पर JNU में बगावत: भीड़ ने सेना को दी गालियाँ, खुद को हिंदुस्तानी मानने से किया इनकार

जेएनयू में आर्टिकल 370 पर सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ 'आजादी-आजादी' के नारों की गूँज सुनाई दी। भीड़ ने रात के अँधेरे में यहाँ जमकर नारेबाजी की और अनुच्छेद 370 को वापस लेने की माँग की। इन लोगों ने सेना को लेकर भी काफ़ी अपशब्द बोले।

लाल आतंक: 5 CPIM कार्यकर्ताओं को BJP नेता की हत्या के मामले में उम्रकैद

2008 में CPIM के कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेता केवी सुरेंद्रन की उनके घर पर धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस घायल सुरेन्द्रन को लेकर अस्पताल पहुँची जहाँ उन्होंने दम तोड़ दिया था।

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