Friday, March 29, 2024

विषय

हिंदू मंदिर देश की धरोहर

ओडिशा का लिंगराज मंदिर जहाँ शिवलिंग में मौजूद है 12 ज्योतिर्लिंगों का अंश, गैर-हिंदुओं का प्रवेश है वर्जित

ओडिशा के लिंगराज मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है एक महान शिवलिंग, जो स्वयंभू माना जाता है। 8 फुट मोटे शिवलिंग में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अंश

1300 साल पुराना माँ लक्ष्मी का मंदिर, जहाँ साल में दो बार सूर्य की किरणें गर्भगृह में माता का करती हैं अभिषेक

कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित माता लक्ष्मी की प्रतिमा लगभग 7,000 वर्ष पुरानी बताई जाती है। स्वर्ण आभूषणों से...

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: संपदा, आस्था, और रहस्य का वह केंद्र जहाँ आज तक नहीं पहुँच सका कोई इस्लामी लुटेरा

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर विश्व का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। यहाँ भगवान विष्णु, श्री पद्मनाभस्वामी के रूप में पूजे जाते हैं।

पांडव से जुड़ा उत्तराखंड का तुंगनाथ मंदिर, जो हैं पंच केदार में से एक

केदारनाथ के बाद हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण शिव मंदिर है तुंगनाथ। तुंगनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।

रीवा का देवतालाब मंदिर: महर्षि मार्कण्डेय से जुड़ा वह शिवालय जो एक रात में बना था

मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने एक विशालकाय पत्थर से रातों रात इस शिव मंदिर का निर्माण किया था।

भगवान विष्णु का मंदिर, कांचीपुरम के अथि वरदराजा: 40 साल में सिर्फ एक बार दर्शन, कारण – मुस्लिम आक्रान्ता

कांचीपुरम के वरदराजा पेरुमल मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मकर्ता के दो पुत्रों ने लकड़ी की उस मूर्ति को सरोवर से बाहर निकाला और...

भविष्य बद्री ही होगा कलियुग का भविष्य तीर्थ: जब बद्रीनाथ का बंद होगा मार्ग… तो भविष्य बद्री होगा भगवान विष्णु का निवास स्थान

जोशीमठ से लगभग 25 किमी और बद्रीनाथ से लगभग 56 किमी की दूरी पर स्थित है, भविष्य बद्री। यह स्थान भविष्य के बद्री तीर्थ के रूप में जाना जाता है।

कनक भवन: अयोध्या का वह मंदिर जो त्रेता में श्रीराम-जानकी का महल था, द्वापर में श्रीकृष्ण भी पहुँचे

अयोध्या में कई ऐसे मंदिर हैं जो भक्तों को भगवान राम और उनके रामराज्य की अनुभूति कराते हैं। इन्हीं में से एक है, कनक भवन।

विंध्याचल की माता विंध्यवासिनी: सृष्टि के आरंभ से हैं, प्रलय के बाद भी होंगी; एकमात्र पूर्ण पीठ के बारे में जानिए सब कुछ

51 शक्तिपीठों में शामिल माता विंध्यवासिनी का मंदिर एक जागृत पीठ माना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएँ हैं जो अपने आप में अनूठी हैं।

माता बगलामुखी का मंदिर: साधुओं की समाधि और श्मशान से घिरा, गुप्त अनुष्ठान के लिए आते हैं नेता

मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले में नलखेड़ा तहसील में स्थित माता बगलामुखी का मंदिर शैव और शाक्त संप्रदाय के साधुओं और तांत्रिकों के लिए सिद्ध स्थान है।

ताज़ा ख़बरें

प्रचलित ख़बरें

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe