"बीते चार महीने में 25 से 30 हिंदू लड़कियों का अपहरण हुआ और वे कभी वापस नहीं लौटीं। ये अत्याचार कब तक जारी रहने वाले हैं? हिंदू लोग कब तक लाशें उठाते रहेंगे? कब तक मंदिर जलाए जाते रहेंगे?"
शिवाला तेजा सिंह मंदिर में गुरुवार को हिंदू परंपरा के मुताबिक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दुओं की माँग को देखते हुए पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने इस मंदिर को खोलने का फैसला किया है।
विरोध दर्ज करने के लिए ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने होटल के अधिकारियों से मिलकर बात की और डिश के नाम पर आपत्ति जताई। जिसके बाद होटल ने अपनी गलती मानी और माफ़ी माँगते हुए बयान जारी किया कि वे इस डिश का नाम बदल देंगे।
अल्पसंख्यक युवती ने दो हिंदू युवकों पर झूठी शिकायत दर्ज कराई है। इसमें एक नाबालिग का नाम भी है। इसके अलावा लड़की ने नाबालिग लड़के के बड़े भाई को भी छेड़खानी का आरोपित बताया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वह तो घटना के दिन वहाँ मौजूद ही नहीं था।
सपा के पूर्व विधायक ज़मीरुल्लाह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मदरसे में किसी मंदिर की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा करने पर कई और जगह भी लोग मदरसों में मंदिर बनाने की माँग कर सकते हैं।
"गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर आधारित एक कहानी 'Manibein alias Bibijaan' में बजरंग दल और RSS से संबंधित संगठनों को बेहद ख़राब भूमिका में दर्शाया गया है। RSS और बजरंग दल को गुजरात दंगों में हमलावर के रूप में दिखाया जा रहा है।"
हिन्दू धर्म और प्रथाओं, परम्पराओं के प्रचार-प्रसार में शामिल लोगों को भी हमेशा सचेत रहना चाहिए कि हमारे ज्ञान और प्रणालियों को इतना धूमिल या व्यवसायीकृत न किया जाए कि उनके मूल रूप, उनकी आत्मा से छेड़-छाड़ होने लगे या वह क्षीण हो जाए।
पीड़िता ने जब इस्लाम कबूलने की बात नहीं मानी तो गुलशन शेख ने उस पर मुज्जफर लतीफ पटेल से शादी करने का दबाव डाला। उसकी तथा उसके पिता की हत्या करने की धमकी दी। आरोपितों के चंगुल से पीड़िता किसी तरह भागने में कामयाब रही और पुलिस के पास पहुँची।
NIA ने कहा था कि साज़िशकर्ताओं का मकसद केवल रामलिंगम की निर्मम हत्या तक ही सीमित नहीं था, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना भी था। NIA ने यहाँ तक कहा था कि रामलिंगम की हत्या एक आतंकी गतिविधि थी, क्योंकि उन्हें मुस्लिम उपदेशकों द्वारा धर्म-परिवर्तन का विरोध करने के लिए मारा गया था।
कम्युनिस्टों की यही समस्या रही है कि उनके लिए कभी महाभारत कल्पना हो जाती है, कभी इतिहास। येचुरी जी बुजुर्ग हो गए हैं, उनको ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।