Monday, November 25, 2024

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हिन्दू धर्म

दक्षिणपंथ मतलब भाजपा नहीं: क्यों इसकी लड़ाई अपने समर्थकों से ही है? ‘कॉन्ग्रेस’ होने से बचने की क्या है वजह?

यदि दुराग्रही वामपंथियों के प्रपंच में उलझे बिना देखें, तो दक्षिणपंथ कहीं ज्यादा तार्किक और समाधान का हिस्सा है, लेकिन 'नेहरु घाटी सभ्यता' के दौरान पैदा हुए विचारकों ने कभी किसी को यह सोचने का मौका ही नहीं दिया कि उनके अलावा भी कोई दूसरी विचारधारा इस पृथ्वी पर हो सकती है और उनसे कहीं ज्यादा बेहतर हो सकती है।

गीता प्रेस को आर्थिक समस्या, बंद होने के कगार पर? जर्मन मशीनों को देख गोरखपुर सांसद ने बताई वर्तमान स्थिति

गीता प्रेस गोरखपुर की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार प्रेस के द्वारा मार्च 2019 तक लगभग 68 करोड़ 28 लाख पुस्तकों का प्रकाशन...

शराब के साथ भगवान शिव का स्टिकर, हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले Instagram के खिलाफ FIR

शिकायतकर्ता ने कहा कि एक हाथ में शराब और दूसरे हाथ में मोबाइल फोन के साथ भगवान शिव को दिखाने वाला स्टिकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है।

आदि शंकराचार्य और ‘शंकर दिग्विजय यात्रा’: 4 दिशा-4 मठ, एक भारत-सशक्त भारत का संकल्प

हिन्दू धर्म से विखंडित हुए पंथ, सनातन धर्म को ही चुनौती देने लगे थे। ऐसे में आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने का बीड़ा उठाया था।

हिंदू धर्म और RSS का उड़ाया मजाक: मीडिया गिरोह ने मुक्ति को मौत से जोड़ा, वीडियो से खुल गई इनकी पोल

स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए चिश्ती ने आश्चर्य जताया कि क्या कॉन्ग्रेस-मुक्त-भारत में 'मुक्त' वास्तव में 'मौत' के लिए इस्तेमाल किया गया है।

नेहरू के अखबार का वो पत्रकार, जिसने पोप को दी चुनौती… धर्म परिवर्तन के खिलाफ विश्व हिन्दू परिषद की रखी नींव

विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना करते समय स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने कहा था, “जिस दिन प्रत्येक हिन्दू जागृत होगा और उसे..."

एक संघी की मृत्यु होती है, फिर उसकी फैक्ट-चेकिंग की जाती है… भारतीय मीडिया इससे नीचे नहीं गिर सकती

‘फैक्ट-चेकिंग’ अब फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा फैलाने का एक नया माध्यम। मीडिया किसी भी ‘संघी’ अथवा एक प्रखर ‘हिन्दू पहचान’ वाले व्यक्ति को...

हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km… नंगे पाँव, जहाँ थके वहीं सोए

बेन बाबा का कोई ठिकाना नहीं। जहाँ भी थक जाते हैं, वहीं अपना डेरा जमा लेते हैं। जंगल, फुटपाथ और निर्जन स्थानों पर भी रात बिता चुके।

काशी में क्यों खेली जाती है चिता-भस्म की होली, भूतभावन महादेव अब भी आते हैं महाश्मशान मणिकर्णिका?

बनारस की होली भी बनारस के मिजाज के अनुसार ही अड़भंगी है। दुनिया का इकलौता शहर जहाँ अबीर, गुलाल के अलावा धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली होती है।

एक लड़की के साथ हुई ऐसी दरिंदगी, जिसने इंजीनियर दीपक त्यागी को बना दिया महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती: पढ़िए पूरी कहानी

बाहुबल, जाति की राजनीति करने वाले दीपक त्यागी से एक लड़की मिली। उसके साथ हुई दरिदंगी ने दीपक त्यागी को हमेशा के लिए बदल दिया।

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