अक्षम पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने के शासन के आदेश के बाद आईजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इसमें मोहित अग्रवाल के अलावा एसएसपी (कानपुर) अनंत देव और एसपी (कन्नौज) अमरेन्द्र प्रसाद सिंह शामिल थे। इस कमेटी ने शासन को दागी पुलिसकर्मियों की लिस्ट भेजी थी। इसमें ड्यूटी से गैर-हाज़िर रहने वाले, भ्रष्टाचारी, घूसखोर, काम न करने वाले पुलिसकर्मी शामिल थे।
आजमगढ़ के एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इस गैंग को धरने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि मुखबिर से आजमगढ़ के कोतवाली क्षेत्र में गोकशी का काम किए जाने की सूचना मिली थी।
सोनाक्षी सिन्हा के ख़िलाफ़ आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा-420 के तहत 24 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। इंडिया फैशन एंड ब्यूटी अवॉर्ड कार्यक्रम में आने के लिए पूरी रकम लेने के बाद भी सोनाक्षी ने अचानक कार्यक्रम में आने से इनकार कर दिया था।
लड़की के परिजनों ने 6 जुलाई को उसके प्रेमी की भी हत्या कर दी है। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को मारने की साजिश रची। अपने प्रेमी की हत्या का पता चलते ही लड़की अपने घर वालों के ख़िलाफ़ हो गई थी। इसलिए वे उसे बाइक पर बैठाकर दूर ले गए, गले में गोली मारी और...
पुलिस का कहना है कि आरिफ तांत्रिक का काम भी करता है। बताया गया है कि मदरसे में एक सेफ में दवाइयों के डिब्बे रखे थे, इन्हीं में से हथियार मिले हैं। सीओ कृपा शंकर कनौजिया का कहना है कि पुलिस को सूचना मिली थी कि मदरसे में कुछ बाहरी लोगों का आना जाना है, इसी आधार पर छापेमारी की गई।
जाँच में यह भी पता चला कि अवैध खनन की काली कमाई खाने में कई सफेदपोश नेता और अधिकारी भी शामिल हैं। अब जाँच के आधार पर लगातार सीबीआई छापेमारी कर रही है। जिसमें भारी मात्रा में नगदी पाए जाने की सूचना है।
फ़ारुख़ 3 वर्ष पहले भी बलात्कार के प्रयास के आरोप में जेल की हवा खा चुका है। उस समय उसने एक युवती का बलात्कार करने की कोशिश की थी। फ़ारुख़ अव्वल दर्जे का नशेड़ी है और वह नशे की हालत में इधर-उधर भटकता रहता था।
हाजी इक़बाल के बारे में कहा जाता है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का क़रीबी है। उसका नाम खनन घोटाले में भी आ चुका है। हाजी इक़बाल को 2010 में बसपा से विधान पार्षद बनाया गया था। उसके भाई महमूद अली को भी विधान पार्षद बनाया गया है। जानिए यूपी के चीनी मिल घोटाले के बारे में।
2019 आ गया है। दिल्ली इस तरह की घटनाओं से बुरी तरह से प्रभावित है। किसे दोषी ठहराया जाए? वोट बैंक की राजनीति? आज भी अविश्वास का भाव बना रहता है। तो क्या हौज़ काज़ी, मेरठ, आगरा, मुज़फ़्फ़रनगर, हरियाणा, सूरत, पश्चिम बंगाल और अन्य ऐसी जगहों पर हिंदू परिवारों को उनके साथ रहना चाहिए, जहाँ दूसरे मजहब की आबादी काफी है और जहाँ अब सड़कों पर उन्मादी और अराजक भीड़ निकल रही है।