AAP दिल्ली में बड़े भाई की भूमिका निभाना चाहती थी और पहले उसने 5 सीटों की माँग की, जिसे कॉन्ग्रेस द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद उसने 4-2 के समीकरण की माँग की और 1 सीट पर दोस्ताना लड़ाई की बात कही लेकिन उनके इस प्रस्ताव को भी तुरंत नकार दिया गया।
60 सालों तक राज करने वाली पार्टी की मजबूरी है कि वो सत्ता से दूर है, और यह दूरी रात-दिन बढ़ती जा रही है। सत्ता पाने की यही लालसा उससे नए-नए हथकंडे आजमाने का दुष्चक्र चलवाती है। लेकिन जब बड़े और नामी चेहरे भी इस धूर्तता का हिस्सा बनने लगते हैं तो अफ़सोस होता है।
चुनावी माहौल के बीच कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी मंदिरों में जाकर पूजा करते नज़र आते हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं ने धार्मिक स्थल पर जाकर जिस तरह का उत्पात मचाया है, उससे तो ऐसा कतई नहीं लग रहा है।
देश ने अभी तक आपके परिवार का बड़ा सम्मान किया। अब देश आपसे चाहता है कि आप भी लोकतंत्र की भावना और उसकी इच्छा का सम्मान करते हुए कुछ समय तक सत्ता से दूर रहने में योगदान देकर सच्ची देशभक्ति का सबूत दें। आपकी नकली देशभक्ति और बाहरी दिखावों की देश को फिलहाल ज़रूरत नहीं।
चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस के कैंपेन सॉन्ग के कुछ लाइनों को आपत्तिजनक बताते हुए उसमें बदलाव के लिए कहा था। इन लाइनों में मोदी सरकार द्वारा नफरत फैलाने और समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया गया था।
फ़िलहाल, फोटो जर्नलिस्ट आरएम माथुर ने पुलिस में शिक़ायत कर मामला दर्ज करा दिया है। उधर, पुलिस ने मामले का संज्ञान में लिया और विरुधुनगर के सरकारी अस्पताल में दौरा भी किया।
पिछले साल नवंबर में पार्टी के प्रवक्ता ने एक डिबेट के दौरान जी न्यूज़ के पत्रकार को धमकाया था। जून में कॉन्ग्रेस मुख्यालय में एक पत्रकार पर मोदी भक्त होने का आरोप लगाकर हमला किया गया था।
कोट्टायम के एरुमेली गाँव के निवासी, राहुल गाँधी केई लोक संगीत के विद्यार्थी हैं। उनके छोटे भाई का नाम राजीव गाँधी केई है। वहीं राघुल गाँधी के बारे में बताएँ तो वो तमिलनाडु के कोयम्बटूर से हैं। 30 वर्षीय अगिला इंडिया मक्कल काज़गम के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
न्याय योजना को बजट में जगह देने के लिए आमदनी चाहिए, आमदनी बढ़ाने के लिए टैक्स बढ़ाना होगा, चाहे लोगों पर हो, या वस्तुओं पर। दोनों ही स्थिति में भार वापस आम आदमी पर ही पड़ेगा। राहुल गाँधी को लगता है कि इतने बैंक हैं, वहाँ से पैसे ले लेंगे। राहुल गाँधी ऐसा सोच सकते हैं, क्योंकि वो राहुल गाँधी हैं।
भारत ने अफ्स्पा के अंतर्गत सेना को जो विशेषाधिकार दिए हैं वह उन क्षेत्रों में दिए हैं जहाँ वास्तविक शत्रु अपने देश का नागरिक नहीं बल्कि दूसरे देश का मज़हबी घुसपैठिया है।