कैपिटल हिल वाले अगर दंगाई थे तो दिल्ली के उपद्रवी संत कैसे हुए? ट्रम्प की आलोचना हो रही थी तो राहुल-प्रियंका की निंदा क्यों नहीं? ये दोहरा रवैया अपनाने वाले आज भी फेक न्यूज़ फैलाने में लगे हैं।
किसान लाल किले तक घुस चुके हैं और उन्होंने वहाँ झंडा भी फहरा दिया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले के फाटक पर रस्सियाँ बाँधकर इसे गिराने की कोशिश भी कीं।
कॉन्ट्रैक्ट किलर रहे मोहम्मद इम्तियाज ने ऐसा कदम दुकान से होने वाली कम आमदनी और 'पीयर प्रेशर' यानी, अन्य गुर्गों द्वारा बनाए जा रहे दबाव के कारण उठाया।