पाकिस्तान ने निर्णय लिया है कि जाधव को वियना संधि के तहत काउंसलर एक्सेस दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान द्वारा भारत द्वारा काउंसलर एक्सेस की तमाम माँगों को खारिज कर दिया गया था।
लंदन में अंडे खा चुके शेख रशीद ऐसे बयान देते ही रहते हैं जिससे उनका मजाक बने। उनका दावा है कि फ़ौज ने अपनी तैयारियों पर बयान देने के उन्हें रखा हुआ है। आधिकारिक रूप से यह काम आसिफ गफूर का है जो आजकल बॉलीवुड पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
वीडियो में मियांदाद बोल रहे हैं, वे कह रहे हैं, "कश्मीरी भाइयों फ़िक्र ना करो, हम आपके साथ हैं। मेरे पास बल्ला भी है छक्का मारा था अब ये (तलवार) चलेगा। जब बल्ले से छक्का मार सकता हूँ तो इससे (तलवार) से इंसान क्यों नहीं मार सकता।"
भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने वाले दिग्विजय सिंह ने इससे पहले कहा था कि जितने भी हिंदू आतंकी पकड़े गए हैं वे आरएसएस से जुड़े हैं। उन्होंने कहा था कि हिंदू आतंकवादी संघ से आते हैं, क्योंकि संघ की विचारधारा नफरत फैलाने वाली है।
"जब सेना की तारीफ होती है तो वे सबूत माँगने लगते हैं। मोदी का विरोध करने में पाकिस्तान की तारीफ़ करने लगते हैं। ऐसे गद्दारों के लिए एक नया कानून होना चाहिए, चाहे वे JNU में पढ़ रहे हों, या महाराष्ट्र में हों। उसके बाद कोई नसीरुद्दीन, हामिद अंसारी या सिद्धू नहीं होगा।"
जम्मू-कश्मीर पर अपना प्रोपगेंडा नहीं सुने जाने से तिलमिलाए पाकिस्तानी नेता अब सरकार पर ओआईसी से बाहर निकलने का दबाव बनाने लगे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम मुल्क अपने धंधे में व्यस्त हैं। वैसे, पाकिस्तान का खर्च इन्हीं संगठनों की खैरात से चल रहा है।
पीड़िता के भाई ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, सेना प्रमुख बाजवा और पंजाब के गवर्नर से न्याय की गुहार लगाई है। केंद्र सरकार ने भी शुक्रवार को इस मामले में पाकिस्तान सरकार से बात कर तत्काल प्रभाव से ठोस क़दम उठाने को कहा था।
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने जितना हो सके दुनिया को बरगलाने की कोशिश की। ताकतवर मुल्कों के पास गया, इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से गुहार लगाई। संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया। लेकिन सबने उसे ठुकरा दिया।
कोझीकोड के पेरम्बरा सिल्वर कॉलेज परिसर में निकाला गया था जुलूस। कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष एके थारुवयी ने कहा कि एमएसएफ ध्वज को उल्टा रखा गया था, जिसकी वजह से वह पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज की तरह लग रहा था।
पाकिस्तान की प्रशासनिक व्यवस्था का ज़िक्र करते हुए कल्याण सिंह ने कहा कि जाँचकर्ता से लेकर वकील और जज तक, अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम हैं। इसलिए सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों का क़ानूनी तौर पर कोई समाधान मौजूद ही नहीं है।