हुआ यूँ कि बिहार की औरंगाबाद सीट से कॉन्ग्रेस सांसद निखिल कुमार ने टिकट की माँग की थी, लेकिन पार्टी ने महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के उपेंद्र प्रसाद को चुनावी मैदान में उतराने का फैसला लिया है।
इस मामले में पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए वीडियो क्लिप के आधार पर आरोपियों की शिनाख्त शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान होते ही उन पर एफआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
"राजद के स्वार्थी नेताओं के सफाए के लिए मैंने 'लालू-राबड़ी' मोर्चा बनाया है। तेजस्वी यादव समझदार हैं लेकिन उन लोगों की वजह से उनके आँखों पर पर्दा आ गया है। मेरी माँ राबड़ी देवी को भी सजग रहने की ज़रूरत है। मेरी बातें सभी लोगों को बाद में समझ आएँगी।"
लालू यादव के समय उनके आस-पास रघुनाथ झा, रघुवंश प्रसाद, अखिलेश सिंह और सीताराम सिंह जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता संकटमोचक के रूप में हुआ करते थे जो पार्टी में किसी भी तरह की स्थिति को संभालने की ताक़त रखते थे। आज पार्टी को इनकी कमी खल रही है।
आज बिहार औरतों की मुक्ति की प्रस्तावना लिखने जा रहा है। यह 'मौन-क्रांति' ही है, जो अब किसी भी बिहार की बेटी को दहेज और घरेलू -हिंसा के खातिर आत्महत्या के दहलीज तक नहीं पहुँचने देगी।
गया में नक्सलियों ने भाजपा नेता और पूर्व जदयू विधान पार्षद अनुज कुमार सिंग के पैतृक आवास को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया। इस घटना के पूर्व नक्सलियों ने पहले अनुज कुमार के भाई अजय सिंह को जगाया और फिर उन्हें कब्जे में लेकर भाजपा नेता के घर की चाभी ले ली।
दोनों युवक पिछले 11 दिनों से गया शहर में रह रहे थे और ये सीरिया जाकर आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होना चाहते थे। इसके साथ ही वो बौद्ध धार्मिक स्थलों पर आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए रेकी भी कर रहे थे।
इससे पहले भी राहुल गाँधी ऐसे हवाई वादे कर चुके हैं। इधर से आलू डालिये उधर सोना निकलेगा टाइप। पता नहीं राहुल गाँधी खुद नहीं समझ पा रहे या जानबूझकर ऐसे हवाई वादे कर रहे हैं, जिसके पूरा होने की संभावना शुरू से ही नहीं दिख रही।
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजद 20, कॉन्गेस 9, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को 5, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 3 और मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 3 सीटें दी गई है।
लोजपा भी नवादा पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नही है और गिरिराज सिंह भी पीछे नहीं हट रहे। हालाँकि, गिरिराज सिंह ने कहा है, "चुनाव लड़ूँ या नही, पार्टी की सेवा की है और आगे भी करता रहूँगा।"