पश्चिम बंगाल अपनी हिंसक गतिविधियों को लेकर शुरुआती दौर से ही चर्चा में रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को लेकर तो वहाँ आए दिन विवादों की ख़बरें सामने आती रहती हैं। कभी चुनाव अधिकारी के ग़ायब होने की ख़बर आती है, तो कभी बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बम बरसाने की ख़बर का ख़ुलासा होता है।
ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिस पर लोगों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है। ट्विटर पर अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "ये क्या हो रहा देश में। कुछ कानून नाम के कोई चीज है या नही। पूरी गुंडा गर्दी हो रही है।"
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता विजय गोयल ने केजरीवाल पर कटाक्ष करने का फैसला किया और उन्होंने यह दावा किया कि AAP के 14 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं जो भाजपा में शामिल होने के इच्छुक हैं।
मैं भी चौकीदार के शोर ने कॉन्ग्रेस और उनके पक्षकारों की एलिटिस्ट मानसिकता को बेनकाब कर दिया। और अब तो देश के युवा ने खुद कमान संभल ली है जो कॉन्ग्रेस को उसी की भाषा में करारा जवाब दे रहे हैं।
कुत्ते के शरीर पर भाजपा के प्रतीक चिन्ह और “मोदी लाओ, देश बचाओ” के नारे के स्टिकर चिपके हुए थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने नगर निगम से कुत्ते को हिरासत में लेने के लिए कहा, जिसके बाद निगम ने कुत्ते को हिरासत में ले लिया।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने प्रज्ञा ठाकुर के घर पहुँचकर उन्हें भगवा शॉल भेंट करके उनका सम्मान भी किया। कुछ भी हो, प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव ना लड़ने के ऐलान के बाद अब बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने राहत की साँस ली है।
इससे पहले वो पीएम मोदी पर भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था, “मैं ऐलान करता हूँ कि मोदी से मेरी लड़ाई में जो मेरे सामने आएगा और मुझे रोकने की कोशिश करेगा वो गठबंधन का नाम ले या हाथी का नाम ले, मैं उसको वार करके चूर-चूर कर दूँगा।”
"भारत ने पाकिस्तान की धमकियों से डरने की नीति को छोड़ दिया है, वर्ना आए दिन बोलते रहते थे, हमारे पास न्यूक्लियर बटन है... हमारे पास न्यूक्लियर है बटन... तो हमारे पास क्या है भाई... क्या हमने इसे दिवाली के लिए रखा है?"
अभी तो चुनाव प्रचार के चार महत्वपूर्ण चरण बाकी हैं। पता नहीं बीजेपी ने अभी कितने रहस्य बचाकर रखे हैं। लेकिन जो भी हो 2019 का लोकसभा चुनाव धीरे-धीरे और दिलचस्प होता जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले उनके बयान, "उनके साथ अली हैं तो हमारे साथ बजरंग बली हैं" चुनाव आयोग ने इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन पर 72 घंटों का प्रतिबन्ध लगा चुका है।