पहले स्थानीय निवासियों ने सर्जिकल स्ट्राइक की पुष्टि की। उसके बाद रही-सही कसर विपक्षी नेताओं से लेकर पाकिस्तानी मीडिया ने भी इमरान खान सरकार और पाकिस्तानी सेना को घेर कर निकाल दी।
एक तरफ पीएम इमरान खान की आपात बैठक के बाद वहाँ की फौज और विदेश मंत्री की तरफ से बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं, तो दूसरी तरफ LOC पर पाकिस्तानी फौज ने अकारण गोलीबारी शुरू कर दी है।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने तत्कालीन वायुसेना प्रमुख को सीमा पार आतंकियों पर 'एयर स्ट्राइक' करने से रोक दिया था क्योंकि उन्हें युद्ध का डर था। नेहरू भी सेना पर भरोसा नहीं करते थे। अब भारत जवाब देता है क्योंकि अब सरकार के पास मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
मंगलवार की सुबह देशवासियों को सबसे पहली यही खबर मिली कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के घर में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे पर ‘एयर स्ट्राइक’ से 1000 किलो बमबारी कर तहस-नहस कर दिया, जिसमें 300 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।
जहाँ पाक सेना ने 'कुछ भी नहीं हुआ, भारतीय वायु सेना के जहाज जल्दी भाग गए' बोलकर अपनी इमेज बचाई, वहीं पाकिस्तानी नागरिकों ने अपनी सरकार और आर्मी की जमकर क्लास लगाई।
इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसियाँ पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान के 13 लॉन्च पैड पर निगरानी रख रहीं थीं। इन्हीं में से एक लॉन्च पैड से पाकिस्तानी ड्रोन ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की।
पाकिस्तान को सपने में भी यह अंदेशा नहीं था कि भारतीय वायुसेना इतनी अंदर तक घुस सकती है। सूत्रों के अनुसार, वायुसेना ने बालाकोट में आज मंगलवार (फरवरी 26, 2019) तड़के 3.45 से 3.53 तक बमबारी कर आतंकी कैम्पों को तबाह कर दिया।
"पाकिस्तान को कई बार सबूत दिए गए। लेकिन आतंकी संगठनों के खिलाफ उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। पाकिस्तान के रुख को देखते हुए हमने यह रणनीति तैयार की।"
दोनों देशों ने आपात बैठक बुलाई है। एक तरफ जहाँ पीएम मोदी खुद इमर्जेंसी बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं पाकिस्तान में यह बैठक विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में किया जा रहा है।