मजे की बात यह है कि IAF द्वारा ध्वस्त किए गए पाकिस्तान के F-16 विमान चालक के उपचार करने के अलावा आजकल पाकिस्तान बाकी सब प्रकार की हरकतों में व्यस्त है।
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए हुए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि साल 2008 में हुए 26/11 हमले के बाद भी कुछ नहीं हुआ, लेकिन उरी के बाद हमने देखा कि जवान क्या कर सकते हैं, पुलवामा के बाद हमने देखा कि जवानों की ताकत क्या है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों को यह साफ़ कर दिया है कि देश का मनोबल तोड़ने वाले कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं किए जाएँगे। भारत सरकार के नोटिस पर कार्रवाई करते हुए यूट्यूब ने ऐसे 11 वीडियो हटा दिए।
ये मीडिया गिरोह अगर एक बार भी पाकिस्तान से हफीज सईद और आतंकवाद पर कार्रवाई करने की अपील करती तो शायद एक बार के लिए इन्हें पढ़ने वाले लोग गंभीरता से लेना शुरू कर देते। लेकिन इन्होंने इन 2 दिनों में सिर्फ यही साबित किया है कि ये लोग बिना पेंदी के लोटे से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी कथनी और करनी में भेद न करते हुए देश की जनता को यह दिखा दिया कि उन्हें वास्तव में देश के हित-अहित की चिंता है। इसी का नतीजा एयरस्ट्राइक के रूप में पूरी दुनिया ने देखा।
पाकिस्तान मीडिया फिलहाल इस समय पर जोरो-शोरों से प्रमाण देने पर तुला हुआ है कि उसे शांति और अमन चाहिए... शायद पाकिस्तान इस बात को अच्छे से जानता है कि अब भारत किसी भी कीमत पर चुप नहीं रहने वाला है।
भारत ने साफ़ कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार तत्काल प्रभाव से अपने पायलट की रिहाई चाहता है और वह भी बिना किसी शर्त के। यानी, भारतीय पायलट को लेकर कोई डील नहीं होगी। जेनेवा कन्वेंशन का पालन होना चाहिए।
क्या इमरान नहीं जानते कि जैश-ए-मोहम्मद के बाक़ायदा बोर्ड लगे हुए हैं पाकिस्तान में? फिर ये दोगलों जैसी बातें क्यों करता है इमरान? स्वीकार लो कि तुम एक नकारा प्रधानमंत्री हो, जिसके हाथ में न तो सत्ता है, न आर्मी है और न ही वो तमाम आतंकी जो तुम्हारी बात सुनते हों।