राहुल गाँधी के वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के औपचारिक ऐलान के बाद वाम दलों में हलचल मच गई। वाम दलों ने इसे भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास बताते हुए राहुल को हराने का दावा किया।
ट्विटर पर कुछ लोगों ने राहुल गाँधी को आज के दिन शुक्रिया भी कहा। इन लोगों का मानना है कि राहुल गाँधी ने उन्हें इस दिन मुस्कुराने और हँसने की वजह दी है।
ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव एवं वरिष्ठ नेता पी. सुधाकर रेड्डी ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाया है कि पार्टी अपना टिकट देने के लिए उम्मीदवारों से करोड़ों रुपये माँगती है।
वायनाड में मुक़ाबला बहुत अधिक दिलचस्प है क्योंकि कॉन्ग्रेस ने 2014 में लोकसभा में माकपा के उम्मीदवार के रूप में मुस्लिम उम्मीदवार एमएल शाहनवाज़ को मैदान में उतारा था। कॉन्ग्रेस उम्मीदवार ने 21,000 मतों के बहुत कम अंतर से जीत हासिल की थी।
सरकार को जहाँ लोगों को जिम्मेदार बनाने की कोशिश करनी चाहिए, उन्हें मेहनत करके अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, वहाँ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष लोगों में मुफ्तखोरी का बीज बो रहे हैं।
चाको और चाको टाइप्स चिरकुट लोग, भूल चुके हैं कि समय बदल गया है और गाँधी चालीसा का पाठ उन्हें सोनिया और राहुल की नज़र में तो 'अले मेला बच्चा' तक तो पहुँचा देगा लेकिन भारत की जनता से नहीं बचाएगा जिसने नेहरू और नकली गाँधियों के कुकर्मों को लगातार झेला है।
जिन तनुतश्री को टिकट देने के लिए कॉन्ग्रेस ने इतनी आतुरता दिखाई है, उनके माता-पिता (अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि) कवियत्री मधुमिता हत्याकांड में जेल में हैं।
राहुल ने जब यह बोल दिया, और फिर कैलकुलेटर लेकर चिदम्बरम सरीखे जानकार लोग बैठे तो पता चला कि आलू से सोना भी बनने लगे, हर खेत में फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर, उसकी छतों पर भी खेती की जाए, फिर भी इतना पैसा पैदा करना नामुमकिन हो जाएगा।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “हम साफ करना चाहते हैं कि ये टॉप स्कीम नहीं है, हर परिवार को 72,000 रुपया प्रतिवर्ष मिलेगा। लेकिन ये महिला केंद्रित स्कीम है। ये 72,000 रुपए कॉन्ग्रेस पार्टी घर की गृहणी के खाते में जमा करवाएगी।