Friday, November 22, 2024

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राहुल गाँधी

₹5 में भर पेट खिलाने वाली कॉन्ग्रेस बोल रही है कि ₹6 हजार से किसानों का क्या होगा!

किसान यह समझता है, भले ₹13 का ऋण माफ़ी देने वाले राहुल न समझें, कि ये पैसे उनकी बीड़ी के लिए नहीं है। वो जानते हैं कि इतने पैसों में बुआई के समय वो खेत में बीज रोप सकते हैं।

कलिकाल के संजय हैं दिव्यदृष्टिधारी जनेऊधारी शिवभक्त रामभक्त दत्तात्रेय गोत्री राहुल गाँधी

राहुल गाँधी की दिव्यदृष्टि एक के बाद एक सपने देखने में अब तक लगातार कामयाब रही है। जैसे उनका एक सपना था कि राफेल डील की फ़ाइलें पर्रीकर के बेडरूम में थीं।

बीमार पर्रीकर को निशाना बनाकर राजनैतिक हित साधना छिछोरापन है, राजनीति नहीं

पर्रीकर ने राहुल गाँधी के ताजा बयानों की निंदा करते हुए उन्हें अपनी अवसरवादी राजनीति के लिए किसी बीमार व्यक्ति के नाम का सहारा न लेने की सलाह दी।

वीडियो: राफ़ेल का कॉस्ट ब्रेक-अप, पप्पू की पाठशाला में रिवाल्डो ने ली सबकी क्लास

राफ़ेल पर 8 मिनट 27 सेकंड का यह वीडियो आँखें खोल देंगी, आँखें! मीडिया का झूठ अब नहीं चलेगा और।

वरुण गाँधी के कॉन्ग्रेस में शामिल होने की अटकलें, राहुल गाँधी ने कहा – पता नहीं

राहुल गाँधी ने कहा, "मैंने ये अटकलें नहीं सुनी हैं, मुझे इस बात की फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं है।"

राहुल गाँधी जी, हवाबाज़ी थोड़ा कम कीजिए! ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ने ज़िंदगियाँ बदली हैं

'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना की प्रमुख ज़रूरत देशव्यापी जागरूकता अभियान भी है। पर राहुल और उनके पिट्ठू मीडिया को वास्तविक तथ्यों से अवगत हो और उसे सच्चाई के साथ पेश करने की उम्मीद करना बड़ा सवाल है।

मैं तो बस एक झूठ लेकर चला था, ‘वायर’ जुड़ते गए, और ‘कारवाँ’ बनता गया…

कारवाँ एक ऐसा मैगजीन है जिसके बारे में आप तभी सुनते हैं जब रवीश कुमार फ़ेसबुक पर लेख लिखकर जताते हैं कि उस शाम के प्राइम टाइम में क्या कवर किया जाएगा।

कौन बनेगा PM और कैबिनेट में होगा कौन… चुनने का आख़िरी मौक़ा सिर्फ़ यहाँ!

जीत का शंखनाद फूँका जा रहा है। देश को 'संघी-सांप्रदायिक' ताकतों से छुटकारा मिल गया है। समाजवाद-लालवाद-बेटावाद-दाढ़ीवाद से लेकर दीदी-बुआवाद सब मिलकर अब माल-वाद की मलाई खाएँगे

वीडियो: रिवाल्डो ने समझाया राहुल गाँधी हैं जीनियसों में श्रेष्ठ

लगभग तीस सालों से नवयुवक रह चुके कॉन्ग्रेस अध्यक्ष शायद बुनियादी गणित नहीं जानते। वैसे, गणित तो दूर की बात है, काग़ज़ों से उनके बैर के कारण वो आज तक पढ़कर ये नहीं बता पाए हैं कि राफ़ेल फ़ाइटर का दाम कितना था उनके समय में।

अगस्ता वेस्टलैंड काण्ड: दलाल मिशेल की पहुँच CCS, PMO ही नहीं बल्कि जाँच एजेंसियों तक!

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मिशेल की कैबिनेट मीटिंग, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी मीटिंग्स और तत्कालीन पीएमओ तक पहुँच थी।

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