माओवादी नक्सलियों ने कादती के परिवार के अन्य सदस्यों को कोई हानि नहीं पहुँचाई। चौंकाने वाली बात यह है कि माओवादियों ने पुलिसकर्मी की हत्या की और फिर बिना किसी डर के वो जंगल में वापस चले गए। कॉन्ग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य में अराजकता का यह स्पष्ट उदाहरण है।
मार्क्स कभी उसे देखने भी नहीं जाते थे, जिस कारण फ्रेडिक देमुथ की शिक्षा-दीक्षा अच्छे से नहीं हो पाई। वो जिंदगी भर मजदूर और कल-पूर्जे बनाने वाला काम करता रहा। आखिरकार 1929 में 78 वर्ष की उम्र में फ्रेडिक देमुथ की मृत्यु हुई, लंदन की एक ग़रीब बस्ती में - वो भी इस विश्वास के साथ कि उसकी माँ...
स्वरा भास्कर के लिए ऑर्गेज्म यानी संभोग के दौरान चरमसुख पाना लैंगिक समानता का मसला हो सकता है, उन तमाम औरतों को लिए नहीं जिनके लिए ज़िंदा रहना ही सबसे बड़ा संघर्ष है।
2014 से वह व्यक्ति देश का पीएम है, लेकिन एक मंदबुद्धि, नशेड़ी, पागल उसे बिना किसी सबूत के चोर कह रहा है, उस पीएम को इतनी गालियाँ दी गईं कि गालियों का शब्दकोश भी शर्मिंदा हो जाए, लेकिन उस व्यक्ति ने जब एक तथ्य मात्र कह दिया, तो लुटियंस के पालतू शर्मिंदा हो गए।
कम्युनिस्ट वे होते हैं, जो समाज की बराबरी के लिए काम करते हैं, दुनिया में सबके हको-हुकूक का झंडा बुलंद करते हैं, धर्मनिरपेक्ष समाज की स्थापना करते हैं, वगैरा-वगैरा। यह नैरेटिव नहीं 'जहर' है जो गढ़ा गया है, षड्यंत्र के तहत स्थापित किया गया है।
कम्युनिस्टों की यही समस्या रही है कि उनके लिए कभी महाभारत कल्पना हो जाती है, कभी इतिहास। येचुरी जी बुजुर्ग हो गए हैं, उनको ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।
कन्हैया कुमार के LPG सिलेंडर दिखाकर मीडिया गिरोह की TRP में भी उछाल आने के कारण कामरेड की गरीबी पर निष्पक्ष पत्रकारों को खूब चरमसुख मिलता नजर आ रहा है। लेकिन अचानक ‘वन फाइन डे’ इस LPG सिलेंडर न जुटा पाने वाले कामरेड की तस्वीरों से बेगूसराय के लगभग हर हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्र के पहले पन्ने भर गए।
वो इंडिया के लोग भारत में आकर, किसी और माहौल, किसी और भाषा में, किसी और विषय की बात कर रहे हैं। बेगुसराय की जनता अपना मत देने के लिए बटन दबाती है। दुआ है कि इस 'दबाने' में भी कहीं उन्हें अपने प्रत्याशी के विरोध के स्वर को दबाया जाना न समझ आ जाए!