आजाद अहमद वानी, मोहम्मद इकबाल राथर और बिलाल अहमद राथर - ये तीनों कश्मीरी हैं। AMU से PhD कर रहे हैं। तीनों UAE गए थे। 18 मार्च को उन्हें क्वारंटाइन के लिए आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया था। मगर वो 19 मार्च को लगभग 9:45 में हॉस्पिटल से फरार हो गए।
18 फरवरी को इस संबंध में छात्रों को एक नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय ने छात्र फसीह अहमद, सहाना प्रदीप और एएस एडिस्फो पर 5-5 हज़ार रुपए का यह जुर्माना लगाया है। इन तीनों छात्रों को 10 दिनों के अंदर यह जुर्माना भरना होगा।
शाहीन बाग और एएमयू में आयोजित धरने में देशविरोधी भाषण देने बाद चर्चा में आए शरजील इमाम को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने बिहार के जहानाबाद से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया था। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में शरजील ने पूर्वोत्तर के राज्यों को भारत से अलग करने की बात कही थी।
जिला प्रशासन ने AMU से जुड़े 44 छात्रों सहित कुल 58 लोगों की भी पहचान की है, जिनको शहर में शांति भंग करने के लिए प्रशासन नोटिस जारी कर रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी उनके पते उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
सज्जाद ने शरजील इमाम का भी बचाव किया था। देशद्रोह के आरोपित शरजील को राष्ट्रवादी बताया था। कश्मीरी छात्र नेता सज्जाद ने पुलवामा आतंकी हमले के समय पूछा था कि कहीं इसके पीछे अपनी ही एजेंसियों का तो हाथ नहीं?
शरजील ने देश को तोड़ने की पूरी तैयारी कर चुका था, जिसने प्लान तैयार किया था कि सीएए के विरोध में देश के सभी प्रमुख राजमार्गों पर चक्का जाम कर दिया जाए। इससे पूरे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो जाएगा और इसके दवाब में आकर सरकार सीएए और एनआरसी को वापस ले लेगी।
एएमयू में 12 दिसंबर को करीब 600 छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. खान ने कहा था कि मोटाभाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं। उसने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।