“कई बार मेरे पति आफ़ताब के द्वारा मुझपर अपने दोस्तों के साथ हमबिस्तर होने का दबाव बनाया गया लेकिन मैं अडिग रहीं। हर रोज मेरे साथ मारपीट हुई। मैं अपना नाम तक भूल गई थी। मेरा नाम तो हरामी और कुतिया पड़ गया था।"
भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति का विसर्जन कराने ले जा रहे हिंदू युवकों पर मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडे और बाँस से हमला कर दिया। मूर्ति पर बाँस से हमला कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
लड़कियाँ बजरंग दल से पहले अपने गाँव वालों को और रिश्ते में एक भाई को यह सब बातें बता चुकी थीं। मगर, कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई तो कहीं कहा गया, “जो अब्बा कह रहे हैं उसको मानो।”