कॉन्ग्रेस पार्टी ने मधुबनी सीट पर वीआईपी के उम्मीदवार बद्री पूर्वे के खिलाफ अपनी पार्टी के बागी शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया है। अब इसी का बदला लेने के लिए वीआईपी ने पटना साहिब से कॉन्ग्रेस प्रत्याशी शत्रुघन सिन्हा के खिलाफ...
"मेरी शर्ट पर लगे फूल निशान को देख कर कन्हैया हमसे ठेठ भाषा में बोला कि ये क्या है। हम कुछ नहीं बोले, लेकिन इतने में ही उसके गुंडे कार्यकर्ता लोग गाली-गलौच करते हुए गाड़ी से नीचे उतर आए और मेरे साथ मारपीट करने लगे। मेरी जान बचाने के लिए आए मेरे 2-3 दोस्तों को भी लाठी-डंडे से मारा।”
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुशील मोदी के शपथ-पत्र पर दिए गए बयान और राहुल गाँधी के भाषण की सीडी देखने के बाद आइपीसी की धारा 500 के तहत समन जारी किया है। आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज...
लोगों ने कहा कि चूँकि 'सब कुछ मोदी ने किया है', इसी लिए वो मोदी को ही वोट करेंगे। सभा में उपस्थित किशोरों व अन्य युवाओं ने भी मोदी को वोट करने की बात कही। राजद की रैली में आए लोगों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए।
एक तरफ़ चीनी मिल वाला मुद्दा है जिस पर केंद्रीय मंत्री चुप हैं वहीं दूसरी तरफ़ है उनकी संगठनात्मक क्षमता एवं अनुभव, जिसके आधार पर वह प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ रहे हैं। यहाँ कृषि मंत्रालय में रहे वर्तमान व पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के बीच ईगो का टकराव है। सवाल यह भी है, क्या कुशवाहा ने टिकट बेचा? मोतिहारी से ग्राउंड रिपोर्ट
अब्दुल बारी सिद्दीकी के इस बयान पर बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के लोग भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा रखने वालों के साथ हैं, इसलिए उन्हें वंदे मातरम बोलने में परेशानी है।
पिछले दिनों महागठबंधन के मंच से भी कन्हैया कुमार को देशद्रोही कहा गया था, जिस पर वामपंथी धड़े में आक्रोश की लहर है। वहीं बेगूसराय की जनता भी उनके 'देश-विरोधी' विचारों की वजह से उनसे नाराज़ चल रही है, जिससे चुनाव प्रचार के दौरान झड़प और हाथापाई की खबरें आ जाती हैं।
लड़की ने अपनी माँ को बताया है कि वह उन बदमाशों को नहीं जानती है। ट्यूशन से लौटने के बाद वह अपने घर की छत पर टहल रही थी, जब उसने देखा कि गली में 4 लड़के सिगरेट पी रहे हैं। उन्हें देखकर वह नीचे आ गई। लड़की की गलती बस इतनी थी कि इस दौरान वह छत का दरवाजा बंद करना भूल गई।
इस गहमा-गहमी के बाद स्थानीय लोगों ने, "देशद्रोही मुर्दाबाद" के नारे लगाए। चुनाव नज़दीक है और माहौल गरम अब देखना यह है कि कन्हैया की दाल बेगूसराय में गलती कि नहीं या उन्हें आए-दिन अपने पिछले कर्मों के वजह से यूँ ही ज़लील होना पड़ेगा।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री शकील अहमद ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर पार्टी को सांसत में डाल दिया है। मधुबनी से 2 बार सांसद रहे शकील के बग़ावती तेवर से कॉन्ग्रेस को क्षेत्र में अच्छा-ख़ासा घाटा होने की उम्मीद है।