कुछ लोग युवक द्वारा लगाए गए नारों से उसकी पहचान कर रहे हैं। उसे संघी आतंकी बता रहे हैं। तो कुछ का कहना है कि ये सब पहले से सुनियोजित था क्योंकि वीडियो में वहाँ पहले से सब कैमरे उसकी तरफ हैं। जैसे मालूम हो कि ये घटना होने वाली है
शांतनु का कहना है कि यह केवल उनका और राघव का पक्ष सुनने की बात नहीं थी। बात उनके साथ हुए बर्ताव की है। जब लोग उन्हें पकड़ने की बात कर रहे थे, गुस्से से आगे बढ़ रहे थे, तब इंडिया टुडे ने भीड़ को सँभालने के लिए कुछ नहीं किया।
राजद्रोह के केस होने के बाद दो दिन से बिहार में छापेमारी करने पहुँचे पाँच सदस्यों के पुलिस दल को यह बात पता चली की शरजील अपनी प्रेमिका के संपर्क में है। जिसके बाद पुलिस ने शरजील की प्रेमिका से संपर्क किया और उसकी मदद से शरजील इमाम गिरफ्तार हो पाया।
"ये सब अल्लाह कर रहे हैं। कुदरती रूप से सारा सामान सुबह एक जगह पर रखा मिलता है और हम सिर्फ़ उसे उठाकर बाँटने का काम करते हैं। हम अल्लाह के बंदे हैं। हमें इंसान ने पैदा नहीं किया।"
एएमयू में 12 दिसंबर को करीब 600 छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. खान ने कहा था कि मोटाभाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं। उसने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।
पिछले कई दिनों से फरार चल रहे देशद्रोह के आरोपित शाहीन बाग़ के सरगना शरजील इमाम को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से आरोपित शरजील को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब पुलिस दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।
पुलिस का कहना है कि ये लोग हिंसा में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे और आम जनता से इनकी जानकारी साझा करने के लिए कहा है। पुलिस ने संभावित आरोपितों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी के लिए इनाम भी रखा है।
अपनी माँगों को लेकर एएमयू छात्रों द्वारा रोड जाम करने वाले 600 अज्ञात छात्रों के खिलाफ यूपी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके बाद से पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालकर दोषियों की पहचान करने में जुट गई है।
हाल ही में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित काजी मासूम अख्तर ने कहा कि मुझे अपने जीवन जीने से डर है और बंगाल में मेरी कभी भी हत्या की जा सकती है। उन्होंने सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर कहा कि इससे मुस्लिमों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
देश के ख़िलाफ़ बयानबाजी करने वालों को अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में छिपाया जाता रहा है। उनके प्रति संवेदना दिखाई जाती रही है। एक तय क्रम के साथ उनके विवादों में आने के बाद उन्हें हीरो बनाने की कोशिश हुई। उससे पहले से मालूम चल चुका है कि शर्जील इमाम के मामले में अब आगे क्या होगा?