बागी विधायक मुख्यमंत्री के गृह जिले के हैं। इन्हें कैप्टन के खेमे का भी माना जाता है। ऐसे में इनकी बगावत ने पार्टी की चिंताएं बढ़ा दी है। राज्य के अन्य हिस्सों और अन्य खेमों के विधायकों की नाराजगी को लेकर भी पार्टी सशंकित है।
स्थानीय निकाय विभाग के नए मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा ने गायब फाइलों के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है, जिसमें लुधियाना में लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को मंजूरी दिए जाने की भी फाइल है। मुख्यमंत्री ने भी मुख्य सचिव और विभागीय सेक्रेट्री से फाइलों का पता लगाने को कहा है।
परनीत कौर ने ट्वीट कर बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्वच्छता श्रमदान की सफलतापूर्वक शुरुआत उन्होंने की। उन्होंने लिखा है कि इस पहल के तहत पटियाला को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा। उन्होंने लोगों से इस अभियान में शामिल होने और परिवेश को साफ़-सुथरा रखने की अपील की।
"सिद्धू का विभाग बदले जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। ऐसे में अब सिद्धू के लिए दो ही रास्ते बचे हैं- या तो वो नए विभाग का कार्यभार संभाल लें या फिर मंत्री पद छोड़ दें।"
पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह के बीच चल रहा मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है। दोनों में चुनाव से पहले से ही जुबानी जंग जारी है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की तनातनी के बीच अब नवजोर कौर का बयान आया है। उन्होंने अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर कॉन्ग्रेस राज्य की सभी सीटें नहीं जीत पाती है, तो सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, "सिद्धू मेरी जगह सीएम बनना चाहते हैं। सिद्धू कॉन्ग्रेस की छवि बिगाड़ रहे हैं, पार्टी को उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वह असली कॉन्ग्रेसी होते तो वह अपनी शिकायतों के लिए पंजाब चुनाव का वक्त नहीं चुनते।"
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए नवजोत कौर के सभी आरोपों का खंडन किया और कहा, “कौर को दो जगह अमृतसर और भटिंडा से टिकट का ऑफ़र दिया गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वो चंडीगढ़ से चुनाव लड़ना चाहती थीं।”
नवजोत कौर ने सिद्धू के प्रचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सीधे-सीधे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ही ठीकरा फोड़ दिया, जिससे नवजोत सिंह सिद्धू जैसे वाचाल के गले में समस्या आने पर भी संदेह हो जाता है।
कैप्टन की इस घोषणा में उनके हार का डर साफ-साफ झलक रहा है। उन्हें लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के जीत पर संदेह है और शायद वो चुनाव के परिणाम को लेकर भी थोड़े से डरे हुए लग रहे हैं।