देश में अबतक कोरोना संक्रमित कुल मामलों की संख्या 9352 हो गई है जिसमें से 980 ठीक हो चुके हैं जबकि 8048 एक्टिव केसेस हैं। इसके अलावा देश में अबतक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 324 हो चुकी है। लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 905 नए मामले सामने आए हैं जबकि 51 मौतें हुईं हैं।
ट्रैफिक पुलिस, बेस्ट के बस कर्मचारियों और बीएमसी के कर्मचारियों के बीच 12,000 से भी अधिक मास्क और सैनिटाइजर बाँटे। काफ़ी सारे अस्पतालों के डॉक्टरों को भी भोजन मुहैया कराने का काम संघ ने किया है। रोगियों के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की गई है।
माइग्रेंट्स ने कभी भी खुद को सरकारी एजेंसियों से छुपाने की कोशिश नहीं की। सच तो यह है कि वे बड़ी मुश्किल में हैं इसलिए वो हर जगह खुद से सामने आए, जिनकी सहायता में राज्य और केंद्र सभी सरकारों ने वो सभी प्रकार की सहायता उन्हें मुहैया कराई जिसकी उन्हें जरूरत थी। इस प्रकार से जमातियों को माइग्रेंट्स के साथ एक खाने में रखना बदनीयती के अलावा कुछ नहीं समझा जाना चाहिए।
इनमें दूसरे देशों ने भी अपने नागरिकों को निकालने के लिए फ्लाइट्स का इंतजाम किया। गल्फ देशों, यूरेशिया और पड़ोसी देशों के लोगों को निकाला गया। चुनौती यह थी कि अधिकतर विदेशी पर्यटक बड़े शहरों से काफ़ी दूर फँसे हुए थे।
राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने और लोगों को प्रतिबंधों का उल्लंघन करने से रोकने में असफल होने के बाद केंद्र ने शहर को नियंत्रित करने और वायरस के बढ़ते प्रसार पर लगाम लगाने के लिए सेना भेजने की योजना बनाई थी। मगर राज्य सरकार के इनकार करने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।
खादी के मास्कों के उत्पादन में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और ये सारे न सिर्फ़ 2-3 लेयर के होंगे बल्कि इन्हें दो-दो की पैकिंग में उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से बचाव में भी इसका उपयोग होगा, जो वायरस से होते हैं। इसकी कीमत मात्र 20 रुपए होगी।
इन वीडियोज के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तानी डॉक्टर की इन हरकतों को बेफिजूल बता रहे हैं। साथ ही सलाह दे रहे हैं कि उन्हें अब इन मामलों पर सीरियस हो जाना चाहिए।
क्राइम ब्रांच फिलहाल मरकज में जाँच- पड़ताल शुरु कर चुकी है। मरकज के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। साथ ही मरकज से जुड़े लोग भी सहयोग नहीं कर रहे। इससे पहले पुलिस ने मरकज प्रशासन से जानकारी माँगी थी कि 13 मार्च के बाद मरकज में जो लोग आए थे, उनका उपस्थिति रजिस्टर दिया जाए।
कई राज्यों में पुलिस के दबिश देने के बाद बड़ी संख्या में जमाती सामने आए, जो मुसलमानों के प्रभाव वाले विभिन्न इलाक़ों में मस्जिदों वगैरह में छिपे हुए थे। आज ही महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि राज्य से लापता तबलीगी जमात के 58 सदस्यों में से 40 का पता लगा लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि वह जब से वार्ड में भर्ती हुआ है, तब से वह मेडिकल स्टाफ के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है और अस्पताल की शिकायत के आधार पर मरीज के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, धारा 270 और धारा 271 के तहत केस दर्ज किया गया है।