अमरिया क्षेत्र के रहने वाले 35 लोग 25 फरवरी को उमरा करने के लिए सऊदी अरब गए थे, जो कि 20 मार्च को सऊदी अरब से मुंबई के एयरपोर्ट पहुँचे थे, जहाँ सभी की स्क्रीनिंग की गई। जाँच में संदिग्ध पाए जाने पर सभी लोगों को कोरोना वायरस संदिग्ध की मुहर लगाई गई थी।
तबलीगी जमात का उद्देश्य है कि फिर से इस्लाम का राज्य स्थापित किया जाए, खिलाफत का राज स्थापित किया जाए और लोगों को इस्लाम के उस रूप की तरह ले जाया जाए, जैसे पैगम्बर मुहम्मद ने कहा था। चाल-ढाल से लेकर मजहबी प्रक्रियाओं तक, ये चाहता है कि सभी लोग पुराने सुन्नी तौर-तरीकों की ओर लौटें।
जमातियों ने मस्जिद में रहने के दौरान कई बार गाँव में भ्रमण किया था और सैकड़ों लोगों से अलग-अलग समय में मुलाकात भी की थी। अब सभी को रिपोर्ट का इंतजार है। इन सभी जमातियों ने दिल्ली में हुए मजहबी सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
इन सभी लोगों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई उपराज्यपाल के आदेश पर की है। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिख आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की थी।
मौलवी ने कहा कि आज मस्जिदों को बंद करने को कहा जा रहा है, जो ग़लत है। उसने डॉक्टरों की सलाहों की बात करते हुए लोगों से पूछा कि उन्हें इस बात पर कैसे यकीं आ गया कि मिलेंगे-जुलेंगे तो बीमारी फैलेगी, उन्हें इस बात पर यकीन क्यों नहीं आया कि इस समय अल्लाह उनकी हिफाजत करेगा? मौलाना ने कोरोना पर डॉक्टरों की सलाहों को इस्लाम के ख़िलाफ़ साज़िश करार दिया।
लामजुंग में हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली एक चीनी कंपनी के मालिकों के साथ नेपाल के मार्यांगडी के स्थानीय लोग भिड़ गए। ग्रामीणों ने लामजुंग जिले के मंगरंगी ग्रामीण नगर पालिका-6 में थुलोबेसी स्थित न्यादी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही का विरोध किया।
दुनिया भर में वुहान कोरोना वायरस के प्रसार में अपनी भारी भागीदारी सुनिश्चित करने से पहले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने आतंकवादी हमलों में नियमित रूप से भाग लिया। 2017 के लंदन ब्रिज हमले में हमलावरों में से एक, यूसुफ ज़ाग्बा को तबलीगी जमात से जुड़ा था। 2005 में लंदन बम धमाकों को अंजाम देने वाले 7/7 आतंकवादियों के सरगना मोहम्मद सिद्दीकी खान और सहयोगी शहजाद तनवीर को भी तबलीगी जमात से जुड़ा था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजामुद्दीन क्षेत्र में कई कोरोना मरीजों के मस्जिद में छिपे मिलने वाली घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये फाल्ट-फाइंडिंग का समय नहीं है बल्कि जल्द से जल्द एक्शन लेने का वक़्त है।
निजामुद्दीन में मिले विदेशियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया है, ऐसा गृह मंत्रालय ने बताया है। यहाँ तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रम में न सिर्फ़ सैकड़ों लोग शामिल हुए बल्कि उन्होंने एम्बुलेंस को भी लौटा दिया था। इन्होने सतर्कता और सोशल डिस्टन्सिंग की सलाहों को भी जम कर ठेंगा दिखाया।