बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि दूसरे राज्यों से पहुँचने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक बॉर्डर पर राहत केंद्रों में क्वारंटाइन किया जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर में सभी को खाने-पीने के साथ जरूरी सुविधाएँ दी जाएँगी।
स्पेन में कोरोना वायरस की वजह से हालात काफ़ी बिगड़े हुए हैं। अभी तक वहाँ लगभग 6000 लोगों की मौत हो चुकी है। हालाँकि, 12,000 से अधिक मरीज ठीक भी हुए हैं, लेकिन 73,235 कोरोना मामलों के साथ स्पेन इस वायरस के संक्रमण से दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा प्रभावित देश बन गया है।
पुलिस के मुताबिक शनिवार देर रात हाईवे पर भारी भीड़ थी। भीड़ देख पुलिस वहाँ पर पहुँची। भीड़ हटाने की कोशिश की तो कॉन्ग्रेस नेता और उनके दोस्तों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस के साथ अभद्रता की।
"आपको होने वाली असुविधा और कठिनाई के लिए मैं क्षमा माँगता हूँ। बीमारी और उसके प्रकोप से शुरुआत में ही निपटना पड़ता है, नहीं तो बाद में यह असाध्य हो जाता है। भारत आज यही कर रहा है।"
कुछ पाकिस्तानियों ने चीन को क्लीनचिट देते हुए दावा किया कि उससे ज्यादा तो कोरोना को फैलाने के लिए शिया जिम्मेदार हैं। सैयद अज़ीम ने लिखा कि इसे 'चाइनीज वायरस' की जगह 'शिया वायरस' कहना चाहिए।
6 दिनों में राज्य के 4 शहरों में 2200 बेड का कोविड हॉस्पिटल तैयार किया गया है। अहमदाबाद में 1,200 बेड और 50 ऑपरेशन थियेटर की सुविधा वाला नया सिविल अस्पताल। सूरत में 500 बेड का अस्पताल। वडोदरा में 250 बेड का अस्पताल और राजकोट में 250 बेड की सुविधा है।
महाराष्ट्र के अमरावती से कोरोना पॉजिटिव एक शख्स यूपी के मेरठ अपने ससुराल आता है। यहॉं वह एक शादी समारोह में शिरकत करता है। मस्जिद में नमाज अदा करता है। अस्पताल में भर्ती होता है। अब उसकी पत्नी और तीन सालों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है।
चड्ढा ने ट्वीट किया था कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली से जाने वाले मजदूरों को दौड़ा-दौड़ा कर पिटवा रहे हैं। बकौल चड्ढा, सीएम योगी ने मजदूरों से पूछा कि वो दिल्ली क्यों गए थे और साथ ही धमकाया कि उन्हें आगे से दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा।
यह राशि फरवरी में अमेरिका की ओर से घोषित 10 करोड़ डॉलर की मदद के अलावा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक लेबोरेटरी सिस्टम, ऐक्टिव केस ढूँढने, निगरानी और टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मदद संबंधी तैयारियों आदि को दुरुस्त करने के काम में इस पैसे का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली में तो राजस्थान और हरियाणा के भी लोग रहते हैं, उन्हें अपने घरों में क्यों नहीं भेजा गया? कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली से सिर्फ बिहारी और यूपी के मजदूर ही क्यों पलायन कर रहे हैं, जबकि रोहिंग्या और अन्य घुसपैठिए सुरक्षित हैं?