ये इंटरव्यू उसी महीने का है, जिस महीने नेहरू का निधन हुआ था। उसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि हिन्दुओं ने कभी धर्मान्तरण नहीं किया लेकिन इस्लाम का ये हमेशा से एक अंग रहा है।
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय के काफिले पर कल रात मेंहनगर में पथराव किया गया। इस पत्थरबाजी के कारण उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। करीब 4 से 5 की संख्या में अराजक तत्वों ने उनके काफिले पर पथराव किया।
दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में छोटे से लेकर बड़े तक, जवान से लेकर बूढ़े तक और महिलाओं से लेकर बच्चों तक - हर कोई शामिल था। इसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह लड़ाई एक दिन या CAA विरोध की नहीं बल्कि गजवा-ए-हिंद के सपने को साकार करने की थी।
इस विडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह 'NO NRC, NO CAB' लिखी हुई दुकानें आगजनी से बच जाती हैं और ठीक उनके बगल में मौजूद हिन्दुओं की दुकानें जिन पर ऐसा नहीं लिखा होता चुन-चुन कर फूँक दी जाती हैं। ऐसा एक जगह नहीं, कई इलाक़ों में हुआ।
मार्च में शामिल लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि एक तरफ़ हिन्दू अपने रोजमर्रा के कार्य में व्यस्त रहते हैं, वहीं समुदाय विशेष वाले सड़क जाम कर अपनी साजिशों को अंजाम देने में लगे रहते हैं।
इस्लामी भीड़ और उनकी तैयारी को देखकर ऐसा लग रहा था कि वह पहले तो हिंदुओं की दुकानों और फिर हमारे मकानों को अपना निशाना बनाना चाहते थे। अच्छा हुआ दिल्ली पुलिस का कि उसने समय रहते हालातों को काबू में कर लिया।
भारतीय प्रवासियों ने पाकिस्तान में एक नाबालिग हिंदू लड़की महक कुमारी, जिसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और सिंध में मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराई गई थी, के लिए न्याय की माँग की। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'जस्टिस फॉर महक कुमारी', 'स्टैंड अप फॉर ह्यूमन राइट्स' जैसे पोस्टर लेकर नारे लगाते दिखे।
"सवर्ण हिंदुओं के बार-बार वारिस पठान की आलोचना करने में शर्म आनी चाहिए, जबकि वे जिस पार्टी को सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से सत्ता सौंपी थी। वह खुले तौर पर नरसंहार की धमकी देते थे। बाहर सड़कों पर आने और आरएसएस को उखाड़ फेंकने के बजाय, ट्विटर और फेसबुक पर बकोली करवा लो बस इनसे।"
शिव महापुराण के द्वादश्ज्योतिर्लिन्ग्स्तोत्रं में उल्लेखित बारह ज्योतिर्लिंगों में से कुछ की भौगोलिक स्थितियों के बारे में भक्तों के मत अलग-अलग हैं। कारण यह है की स्तोत्र (श्लोक) में इन ज्योतिर्लिंगों की भौगोलिक स्थिति अस्पष्ट है, जिस कारण लोग अपने अपने तरीके से व्याख्या करते हैं।
"वह नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि वह गजवा-ए-हिंद के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। गजवा-ए-हिंद को भारत में लाकर मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते हैं। हम उनको इस मकसद में कामयाब नहीं होने देंगे।"