आरोपित मुस्लिम युवक द्वारा लड़की के अपहरण से गुस्साए संगठनों ने आरोपित के ख़िलाफ़ जमकर प्रदर्शन किया। इस घटना के विरोध में पूरे दिन बाजार बंद रहा। दो समुदायों से मामला जुड़ा होने के कारण पुलिस ने तत्काल आरोपित के ख़िलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी तलाश शुरू कर दी है।
जब बदमाशों ने पाया कि मंदिर में कोई नहीं है और आसपास का इलाक़ा सुनसान पड़ा है, तब उन्होंने मंदिर में घुस कर प्रतिमाओं को हथौड़े से क्षतिग्रस्त किया। माँ दुर्गा और भगवान गणेश की प्रतिमाओं के साथ तोड़फोड़ की गई। इस घटना के बाद से क्षेत्र के लोगों में गुस्सा व्याप्त है।
नदीमर्ग तत्कालीन सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के पैतृक गॉंव से महज 7 किमी दूर है। 54 लोगों की आबादी वाले इस गॉंव में 7 आतंकी घुसे। हिंदुओं को उनके नाम से पुकार घरों से बाहर बुलाया। चिनार के पेड़ के नीचे सबको जमा किया और...
आतंकियों ने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहन रखी थी। नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी थी। मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया। एक के ऊपर एक 3 टी शर्ट पहनी। घटना को अंजाम देते वक्त जो शर्ट पहनी थी उसे बीच रास्ते पेट्रोल डाल जला दिया। हथियार झील में फेंक दिए। बावजूद उन तक पुलिस पहुॅंच ही गई।
खतरा गली-गली पसर गया है। नहीं चेते तो आज का कोई अशफाक कल आपके कमलेश का गला रेत जाएगा। मजहबी कट्टरपंथ को आज दफन नहीं किया तो बात हिंदुत्व के कब्र खुदने जैसे नारों पर ही नहीं रुकेगी। समाज के तौर पर इससे लड़ना ही होगा।
"2016 में मैं समर्पित रूप से हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन के मार्ग पर चलने का फ़ैसला किया। उस समय मुझे यह पता था कि यह मेरे काम और मेरे व्यवसाय को प्रभावित कर सकता है। फिर भी मैंने यह किया। इसके बाद आक्रामक कट्टरपंथी ईसाई लोगों ने 3-4 महीने तक मेरा पीछा किया, मेरे घर आकर धमकाना शुरू कर दिया।"
ख़ुद को स्टैंड-आप कॉमेडियन बताने वाले अतुल खत्री ने हिन्दुओं और सिखों के महत्वपूर्ण त्योहार लोहड़ी का सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाया। कई लोगों को खत्री की बात अश्लील भी लगी और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। खत्री ने लिखा कि वो 'बहन की लोहड़ी (Behen Ki Lohri)' में जा रहे हैं।
"यदि हम हिंदुओं से घृणा नहीं करते हैं, अपनी सरकार को या सुरक्षा बलों को खलनायक नहीं बताते, तो यहाँ आपको सराहा नहीं जाएगा। सराहा तब जाएगा जब आप देश के भविष्य के बारे में निराशावादी हों, पाकिस्तान से और उसके आतंकियों से प्यार करें... इसलिए क्षमा करें मुझे ऐसे प्यार की जरूरत नहीं।"
पाकिस्तानी हिन्दुओं ने बताया कि उबर के ड्राइवर नसीम ने उन्हें नीचे उतरने को कहा। जैसे ही वो नीचे उतरे, वो गाड़ी लेकर फरार हो गया। तेजिंदर बग्गा ने उबर ड्राइवर नसीम द्वारा पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को गाड़ी से निकाल बाहर किए जाने की निंदा की।