Tuesday, May 21, 2024

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राम मंदिर पर भी हिंदू-घृणा

SC ने अयोध्या में बौद्धों का दावा स्वीकारा: मृणाल पाण्डे ने फैलाया भ्रम, लोगों ने कहा – ‘राक्षसी सेना वाली औसत वामपंथी’

मृणाल पाण्डे ने शेयर किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में बौद्धों का दावा स्वीकार कर लिया है। ये 2 साल पुरानी खबर है।

‘राम मंदिर की जगह बौद्ध विहार, सुप्रीम कोर्ट ने माना’ – शुभ कार्य में विघ्न डालने को वामपंथन ने शेयर की पुरानी खबर

पहले ये कहते थे कि अयोध्या में मस्जिद था। अब कह रहे हैं कि बौद्ध विहार था। सुभाषिनी अली पुरानी ख़बर शेयर कर के राम मंदिर के खिलाफ...

मुस्लिम पक्ष ने बताया रामजन्मभूमि में निकले अवशेषों को प्रोपेगेंडा, TheWire ने कहा था – बाबरी के नीचे मंदिर नहीं

मुस्लिम पक्ष ने अयोध्या रामजन्मभूमि के समतलीकरण के दौरान मिले अवशेषों जैसे- शिवलिंग व अन्य कलाकृतियों को सिर्फ प्रोपेगेंडा बताया और कहा कि...

राम मंदिर में टाँग अड़ाने सुप्रीम कोर्ट पहुँचा लिबरल गिरोह, 40 में से कोई नहीं था मूल मुकदमे में पक्षकार

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक आस्था को तरजीह देना वाला बताया गया है। कहा गया है कि हिन्दू पक्ष को जन्मभूमि की ज़मीन देने का आधार केवल आस्था को माना गया है। मस्जिद के पक्ष में पुरातात्विक साक्ष्यों को नज़रंदाज़ कर दिया गया।

‘अल्लाह का कानून सबसे ऊपर, रामराज्य शिर्क, जामिया के छात्रों ने अयोध्या के फैसले को बताया मजाक’

इसमें कहा कि रामराज्य कुछ और नहीं बल्कि शिर्क (अत्याचारी, गैर मजहबी) का झंडा और बाबरी विध्वंस तौहीद अर्थात न्याय के झंडे के पतन के अलावा और कुछ नहीं है।

अयोध्या फैसले में 14 गलतियाँ, राम मंदिर पर रोक लगाए सुप्रीम कोर्ट: जमीयत ने दायर की समीक्षा याचिका

जमीयत ने कहा है कि पर्यटकों और घुमंतुओं के रचित वृत्तांतों पर अदालत को भरोसा नहीं करना चाहिए। उसने कहा है कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने के कोई सबूत नहीं है। साथ ही इतिहास में हुई ग़लतियों को कोर्ट सुधार नहीं सकता है।

‘जबरन रखी गई मूर्ति देवता कैसे’: अयोध्या निर्णय को चुनौती देगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

जीलानी का दावा है कि उनकी याचिका तत्कालीन मस्जिद के मुख्य गुंबद में रखी गई मूर्ति को देवता का दर्जा देने के विरोध पर आधारित होगी।

हिन्दुओं ने माहौल बिगाड़ा, मुस्लिमों के साथ अन्याय हुआ: सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहे राजीव धवन

राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी अशोभनीय हरकत की थी। उन्होंने अदालत में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया था। उनकी इस हरकत पर सीजेआई ने काफी नाराजगी जताई थी।

‘राम मंदिर निर्णय स्वतंत्र भारत के इतिहास में काला धब्बा, हम जजों से बेहतर फैसले की उम्मीद नहीं कर सकते’

“इस तरह का निर्णय स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला धब्बा है। ऐसी स्थिति में हम संबंधित न्यायाधीशों से किसी भी बेहतर फैसले की उम्मीद नहीं कर सकते, बल्कि आगे और नुकसान होने की संभावना है। इसलिए कार्य समिति का मानना है कि समीक्षा याचिका दायर करना लाभदायक नहीं होगा।”

राम जन्मभूमि पर छलका वामपंथियों का दर्द, माकपा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने न्याय नहीं किया

सीताराम येचुरी ने कहा है कि मस्जिद में मूर्तियों की स्थापना गंभीर रूप से कानून का उल्लंघन है। बावजूद इसके जमीन कानून तोड़ने वालों को दे दी गई। साथ ही एएसआई भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात साबित नहीं कर पाई।

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