सभी मामलों की जाँच करने के बाद पता चला कि सभी आरोपितों का जुड़ाव शहर की ऐसी मस्जिदों से है, जहाँ पाकिस्तान कट्टरपंथी विचारधारा के संगठन दावते इस्लामी का कब्जा है।
"एजाज़ ने प्रिया को एक लॉज में बंद करके रखा था, वह प्रिया पर लगातार धर्म परिवर्तन का दबाव बनाता था। जब वह अपने इरादों में कामयाब नहीं हुआ तो उसने चोपन में दोस्त शोएब को बुलाया और उसके साथ मिल कर प्रिया का गला रेत दिया।"
जब लड़की से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मुख्तार ने उससे राहुल बनकर दोस्ती की थी। उसने इस तरह से मुझे अपने काबू में कर लिया था कि वह जो कहता मैं करती चली जाती। उसने फिर परिजनों से अपने मरियम फातिमा बनने को लेकर भी खुलासा किया।
लव जिहाद को लेकर आज भी जिन लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता है या इतने मामले पढ़ने के बाद भी उन्हें लगाता है कि ये सब समाज का ही हिस्सा है तो उन्हें इन केसों में कुछ खास बिंदुओं पर गौर करने की आवश्यकता है।