सचिन पर आरोप है कि उसने अपनी फेसबुक वॉल पर बिजली कटौती का जिक्र करते हुए राज्य सरकार को गालियाँ दी और अपने पोस्ट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर भी लगाई, जिस पर एक कॉन्ग्रेस नेता ने पुलिस में उसकी शिकायत दर्ज करवा दी।
डॉक्टर की पिटाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस पूरी घटना में आप देख सकते हैं कि मरीज़ के साथ आए परिजनों ने किस तरह से डॉक्टर रुम में ही डॉक्टर की सरेआम पिटाई कर दी।
पिछले 8 वर्षों में इस योजना पर 700 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि ख़र्च की गई थी। 2018 में भाजपा सरकार ने इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। जबकि 2019 के बजट में इस योजना के बजट को 30 गुना कम कर दिया गया। सिर्फ़ 6 करोड़ रुपए ही आवंटित किए गए हैं।
"हम दिन-रात इसलिए मेहनत नहीं कर रहे कि ऐसी हरकत की जाए। किसी का बेटा होने का ये मतलब नहीं कि मनमानी की छूट होगी। जेल से छूटने के बाद स्वागत में जो लोग गए थे, उनको बाहर किया जाए, पूरी यूनिट भंग की जाए।"
जाँच अधिकारी ने बताया कि क़ानून के अनुसार, अगर 50 रुपए से अधिक क़ीमत के किसी भी जानवर को मार दिया जाए या ज़हर दिया जाए, तो आरोपित को 5 साल की जेल होगी या उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालाँकि, जानवर के मालिक के साथ समझौता करना भी एक विकल्प हो सकता है।
बाद में सभी मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया। नीचे संलग्न की गई वीडियो में आप इस घटना को देख सकते हैं कि कैसे जल से विहीन नदी में अचानक से पानी की तेज़ धार आ गई।
जेल से बाहर आने पर आकाश ने कहा, “मैं जनता की सेवा करता रहूंँगा। जेल में समय अच्छा बीता है। ऐसी स्थिति में जब पुलिस के सामने ही किसी महिला को घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने की नहीं सोच सकता था।
अस्पताल का एक कर्मचारी मरीज को एक्स-रे रूम तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की बजाय चादर पर लिटाकर घसीट रहा है। मामला नेताजी सुभाष चंद्र बोस (एनएससीबी) मेडिकल कॉलेज, जबलपुर का है।
अगर गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या की जाती है तो इस तरह के मामलों में 1 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक की सजा दी जा सकती है। अगर कोई एक बार से ज्यादा बार ऐसे अपराधों में शामिल होता है तो उसे दोगुनी सज़ा दी जाएगी।
"होली-दिवाली पर अगर लोगों का घर तोड़ दिया जाता है तो वो कहाँ जाएँगे? नेताओं के पास। अगर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की इज़्ज़त नगर निगम के अधिकारियों के सामने धूल बराबर है तो जनप्रतिनिधि फ़्रस्ट्रेशन में क्या करेगा? इसीलिए, आकाश विजयवर्गीय की कार्रवाई से मेरे जैसा आम आदमी ख़ुश है।"