यह सही है कि विज्ञान प्रमाण और सबूतों पर आधारित होता है। आम तौर पर कहा जाता है कि मंदिर के अनुष्ठानों की प्रकृति के बारे में सबूत अपर्याप्त हैं। हो सकता है कि उनका ये कहना सही हो कि लॉन्च से पहले मंदिर में जाना एक 'अवैज्ञानिक परंपरा' है, लेकिन ऐसा करने में हर्ज ही क्या है? इससे इतने सारे लोग परेशान क्यों हैं?
IANS ने पिछले साल पीएम मोदी के बारे में बताने के लिए एक अपशब्द का इस्तेमाल किया था। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक नई योजना के बारे में बताते हुए IANS के पत्रकार ने नरेंद्र मोदी के मिडिल नेम में ‘Bakhch**d’ शब्द का इस्तेमाल किया था।
"चैनल के ठप्प हो जाने के पीछे प्रधानमंत्री मोदी को वजह बताना बिलकुल झूठ है, भारत सरकार ने कुछ नहीं किया है। इन पति-पत्नी ने तिरंगा TV के स्टाफ़ से मिलने की कोशिश तक नहीं की और चैनल बंद करके लंदन चले गए, जिस कारण मैं इन्हें माल्या बुलाने पर मजबूर हूँ।"
कारवाँ के कार्यकारी सम्पादक विनोद के. होज़े ने लंदन में भारत-विरोधी प्रेज़ेंटेशन दिया। उन्होंने दावा किया कि हिंदुस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि "सैकड़ों ईसाईयों की हत्या हो रही है।" और "1984 का सिख हत्याकांड भी आरएसएस का रचा हुआ था।"
इन तीनों चैनलों का गुनाह बस इतना था कि इन्होंने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम शरीफ के प्रेस कॉन्फ्रेंस को लाइव प्रसारित किया था। नवाज शरीफ और पाकिस्तानी फौज की आपस में कभी नहीं बनी।
यह बात पूरी तरह गलत भी नहीं है। कई मामलों में ऐसा हुआ है कि लड़कियों के भाग जाने के बाद उनका परिवार अपनी शान के खातिर लड़के के खिलाफ झूठा केस कर देते हैं।
3 जुलाई को सुधीर चौधरी ने जी न्यूज के अपने शो 'डीएनए' में बताया कि महुआ का भाषण मौलिक नहीं था। उन्होंने दस्तावेज साझा करते हुए बताया कि मोइत्रा ने किस तरह एक अमेरिकी वेबसाइट से भाषण चोरी कर लोकसभा में दिए। चौधरी ने इसको लेकर ट्वीट भी किए थे।
अभिनेता शिवाजी और TV9 के तत्कालीन सीईओ रवि प्रकाश धोखाधड़ी के इस मामले में मुख्य साज़िशकर्ता हैं और उन पर आरोप है कि दोनों ने फ़र्ज़ी काग़ज़ातों के आधार पर TV9 के 40,000 शेयर्स पर कब्ज़ा कर लिया।
"कपिल सिब्बल ने हमें आश्वासन दिया था कि चैनल दो साल के लिए चलेगा, तो हम यहाँ आ गए। लेकिन अब करोड़ों कमाने के बावजूद चैलन हमें नियमानुसार तीन महीने की सैलरी देने से मना कर रहा है।"
जैसे ही वे सूचना भवन के आगे बढ़े, मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्तियों ने उनपर गोली दागनी शुरू कर दी। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आगे जाते ही मोटरसाइकिल सवार ने कार का पीछा करना बंद दिया।